इस बीच, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बताया कि राज्य विधानसभा चुनाव के चलते आचार संहिता को ध्यान में रखते हुए लाडकी बहीण योजना के लाभार्थियों को अक्टूबर और नवंबर महीने के लिए पैसे अभी दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आचार संहिता लागू होने के बाद विपक्षी दल महिला लाभार्थियों को योजना के तहत मासिक सहायता देने में बाधा डाल सकते हैं। इसलिए अक्टूबर और नवंबर महीने के लिए अग्रिम भुगतान दिया जा रहा है।
महाराष्ट्र के पास नहीं है पैसा- विपक्ष का दावा
शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने कहा, “लाडली बहना योजना देश के किसी भी हिस्से में सफल नहीं रही है। यह सिर्फ एक राजनीतिक खेल है… लाडली बहना योजना मध्य प्रदेश में भी सफल नहीं रही और राज्य की अर्थव्यवस्था बर्बाद हो गया है। अब हजारों-लाखों रुपयों का कर्ज लेकर महाराष्ट्र सरकार यही काम कर रही है…लाडली बहना योजना चंद महीने चलेगी और फिर बंद हो जाएगी…”
वहीँ, शरद पवार की अगुवाई वाली एनसीपी (एसपी) के नेता व राज्य के पूर्व मंत्री जितेंद्र आव्हाड (Jitendra Awhad) ने कहा, ”…महाराष्ट्र में कोई भी योजना नहीं चल पाएगी क्योंकि राज्य के पास पैसा ही नहीं है। इसलिए उन्होंने (शिंदे सरकार) रिजर्व बैंक (RBI) से एक हफ्ते में 3000 करोड़ रुपये देने को कहा है। इतिहास में ऐसा कोई राज्य नहीं है जिसने देश की आजादी के बाद एक हफ्ते में 3000 करोड़ रुपये मांगा हो… ये पैसे कैसे लौटाएंगे? टैक्सपेयर्स का ख्याल नहीं रखा जा रहा…महाराष्ट्र पर कर्ज का बोझ डाला जा रहा है।”
मालूम हो कि महाराष्ट्र में ‘मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिण योजना’ के तहत 21 से 65 वर्ष आयु की उन पात्र महिलाओं के बैंक खातों में 1,500 रुपये प्रतिमाह भेजे जा रहे है, जिनके परिवार की आय 2.5 लाख रुपये से कम है। राज्य में यह योजना 1 जुलाई से लागू है। लाभार्थी महिलाओं के बैंक खातों में इस महीने तीसरी किश्त भेजी जा रही है। 10 अक्टूबर तक सभी पात्र महिलाओं के खाते में पैसे भेज दिए जाएंगे।