रिपोर्ट्स के मुताबिक, अजित दादा ने अमित शाह से मांग की कि महाराष्ट्र में बिहार की तरह कम विधायक होने के बावजूद उन्हें महायुति का मुख्यमंत्री घोषित किया जाना चाहिए। जिसके बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चा छिड़ गई। अब इस पूरे मामले पर खुद अजित पवार ने प्रतिक्रिया दी है।
द हिंदू अखबार ने सूत्रों के हवाले से दावा किया कि मुंबई एयरपोर्ट पर हुई बैठक में अजित पवार ने अमित शाह के सामने मुख्यमंत्री बनाने का प्रस्ताव रखा। इसको लेकर अगले हफ्ते दिल्ली में महायुति के प्रमुख नेताओं की अहम बैठक होने की संभावना है।
दिलचस्प बात यह है कि अमित शाह के मुंबई दौरे के दौरान एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस साथ रहे, लेकिन अजित पवार नदारद रहे और जब वह दिल्ली लौट रहे थे तो मुंबई एयरपोर्ट पर उनकी बीजेपी नेता से मुलाकत हुई।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख अजित पवार ने इस मामले पर कहा, ”मैं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिला.. वह गणपति दर्शन के लिए मुंबई आए थे… मैंने कपास और सोयाबीन की खेती से जुड़े कुछ मुद्दों पर चर्चा की। मैंने प्याज के आयात पर प्रतिबंध नहीं लगाने का भी अनुरोध किया है.. मैंने इन सभी मुद्दों पर चर्चा की… द हिंदू अखबार की खबर निराधार है और इसमें कोई सच्चाई नहीं है।”
महायुति के बीच सीट बंटवारे पर उन्होंने कहा, ”हम सभी 288 सीटों पर चर्चा के लिए एक साथ बैठेंगे… अधिकतम चर्चा हो चुकी है… कुछ सीटें बची हैं और उन सीटों पर जल्द ही चर्चा की जाएगी… सीटों की सटीक संख्या हमारी अंतिम चर्चा के बाद सामने आएगी।”
वहीँ, सूत्रों के मुताबिक पिछले 15-20 दिनों से अजित पवार, एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस के बीच सीट बंटवारे को लेकर चर्चा चल रही है. खबर है कि इसमें करीब 40 सीटों पर बात हुई। एनसीपी अपने सिटिंग विधायकों की सीटें छोड़ने को तैयार नहीं है, लेकिन तीन से चार सीटें बदलने को तैयार है। साथ ही एनसीपी ने 10 से 12 सीटें देने मांगी हैं जहां कांग्रेस चुनाव लड़ रही है। महायुति में शिंदे की शिवसेना, बीजेपी और अजित पवार की एनसीपी शामिल है और आगामी विधानसभा चुनाव साथ लड़ेगी।