‘ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते’ के अंतर्गत आरपीएफ देखभाल और सुरक्षा की जरूरत वाले बच्चों की पहचान करने और उन्हें बचाने का नेक काम करता है, जो विभिन्न कारणों से खो जाते हैं या अपने परिवार से अलग हो जाते हैं। मध्य रेलवे (Central Railway) के आरपीएफ ने अन्य एजेंसियों के सहयोग से 1236 बच्चों को बचाया है।
पिछले 10 महीनों में यानी जनवरी 2022 से अक्टूबर 2022 तक ‘ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते’ के तहत मध्य रेलवे के रेलवे स्टेशन प्लेटफार्मों से रेलवे पुलिस और अन्य फ्रंटलाइन रेलवे कर्मचारियों ने यह सराहनीय काम किया है। इसमें 822 लड़के और 414 लड़कियां शामिल हैं।
सभी को चाइल्डलाइन (Childline) जैसे गैर सरकारी संगठनों (NGO) की मदद से उनके माता-पिता से मिलवाया गया हैं। मध्य रेलवे के मुंबई मंडल से सबसे अधिक 539 बच्चों को बचाया, जिसमें 378 लड़के और 161 लड़कियां शामिल हैं। जबकि भुसावल डिवीजन से 257 बच्चों को रेस्क्यू किया गया, जिनमें 138 लड़के और 119 लड़कियां शामिल हैं।
पुणे डिवीजन में 245 बच्चों को उनके माता-पिता से मिलवाया गया, जिनमें 195 लड़के और 50 लड़कियां शामिल हैं। इसके साथ ही नागपुर डिवीजन से 142 बच्चों को बचाया गया, जिसमें 78 लड़के और 64 लड़कियां शामिल हैं। सोलापुर मंडल में 33 लड़के और 20 लड़कियां समेत कुल 53 बच्चों को सकुशल बचाकर उनके परिजनों को सौंपा गया।