इसके अलावा महाराष्ट्र बीजेपी अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील को सार्वजनिक निर्माण मंत्री का जिम्मा सौपा जा सकता है। फडणवीस सरकार में वित्तमंत्री रहे सुधीर मुनगंटीवार को इस बार उर्जा और वन मंत्री की जिम्मेदारी मिल सकती है। इसी प्रकार मंत्रिमंडल में सबसे बुजुर्ग नेता राधाकृष्ण विखे पाटील को राजस्व और सहकारिता विभाग की जिम्मेदारी मिलने की संभावना हैं।
बता दें कि मिली जानकारी के मुताबिक, उदय सामंत जो आघाड़ी सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री थे, उन्हें इस बार उद्योग विभाग सौपा जा सकता है। बीजेपी के विधायक गिरीश महाजन को जल संपदा मंत्री बनाया जा सकता है। वहीं, दादा भुसे को कृषि विभाग की ही जिम्मेदारी मिल सकती है। सुरेश खाडे को सामाजिक न्याय विभाग और विजय कुमार गावित को आदिवासी विकास विभाग दिया जा सकता है। अब्दुल सत्तार को अल्पसंख्यक विभाग का मंत्री बनाया जा सकता है।
मुंबई के मालाबार हिल के विधायक मंगलप्रभात लोढा पहली बार मंत्री बने हैं। उन्हें विधि और न्याय विभाग मिलने की संभावनाएं हैं। इसी तरह संजय राठोड़ को ग्राम विकास का विभाग मिल सकता है। वहीं, दीपक केसरकर को पर्यटन और पर्यावरण का विभाग की जिम्मेदारी दी जा सकती है। इसी तरह गुलाब राव पाटील को जल संसाधन और अतुल सावे को स्वास्थ्य विभाग सौपा जा सकता है। और तानाजी सावंत इस बार उच्च शिक्षा मंत्री का पद संभाल सकते हैं। संदीपान भुमरे को रोजगार मंत्री का जिम्मा दिया जा सकता है।
बता दें कि चंद्रकांत पाटील और मंगलप्रभात लोढा के मंत्री बनने के बाद चंद्रशेखर बावनकुले अब बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और आशीष शेलार बीजेपी के मुंबई अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौपी जा सकती हैं। दूसरी तरफ, प्रहार जनशक्ति पार्टी के नेता और शिंदे समर्थक विधायक बच्चू कडू ने निर्दलीयों और मित्र पार्टी के विधायकों में से किसी को भी कैबिनेट में जगह ना दिए जाने से नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने कहा है कि इन्हीं के दम पर सरकार बनाई, ऐसे में निर्दलीयों और मित्र पार्टी के विधायकों में से किसी का मंत्री बनना हक बनता है, लेकिन उन्हें नजरअंदाज किया गया।