शिवसेना नेताओं की माने तो पार्टी अपने वसूलों के साथ समझौता नहीं करेगी। शायद यही वजह रही है कि उद्धव के साथ बैठक समाप्त होने के पश्चात् ही राउत सीधे पवार के पास मिलने पहुचे।पवार के साथ लगभग आधा घंटे तक चर्चा के बाद राउत बहार निकले। इन दोनों के मुलाकात को लेकर राज्य कि राजनीति में कई कयास लगाये जा रहे हैं। हालांकि राउत ने इसे व्यक्तिगत मुलकात बताया है।
शिवसेना अपने स्वाभिमान के साथ किसी प्रकार का समझौता नहीं करना चाहती है। बैठक में उद्धव ठाकरे ने विधायकों को साफ कहा कि हम तब तक इंतजार करेंगे जब तक भाजपा शपथ विधि के लिए राज्यपाल को पत्र नहीं दे देती है। यदि भाजपा ने इस मामले में शिवसेना से कोई राय नहीं ली और शिवसेना को महत्व नहीं दिया तो हम अपने कदम पीछे ले लेंगे। भाजपा को सरकार बनाने देंगे। इसके बाद शिवसेना क्या निर्णय लेगी यह तो समय बताएगा।
शिवसेना के समर्थन को लेकर कांग्रेस और एनसीपी की आघाडी भी सकारात्मक संकेत दे चुकी हैं। गुरुवार को कांग्रेस के केंद्रीय आलाकमान ने भी शिवसेना को समर्थन देने की बात को सही दिशा बताते हुए हामी भर दी है। सूत्रों की माने तो एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी से फोन पर बातचीत की , राज्य की स्थिति की जानकारी दी। शिवसेना को समर्थन को लेकर सोनिया गांधी ने भी हामी भर दी है। भाजपा को सत्ता से दूर रखने के लिए कांग्रेस एनसीपी शिवसेना के समर्थन में खड़ी है