अख्तर ने रिपब्लिक टीवी पर प्रसारित एक इंटरव्यू में अभिनेत्री द्वारा की गई कुछ टिप्पणियों पर आपत्ति जताते हुए उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। कंगना रनौत द्वारा की गई टिप्पणी उनके और अख्तर के बीच 2016 की मुलाकात को लेकर थी। यह पूरा विवाद ऋतिक रोशन और कंगना रनौत के कथित रिश्ते को लेकर हुए विवाद से जुड़ा है।
इस बीच, रानौत ने भी अख्तर के खिलाफ एक क्रॉस शिकायत दर्ज कराई थी। जिसमें उन्होंने गीतकार पर आपराधिक साजिश रचने, जबरन वसूली और उनकी निजता पर हमला करके जैसे आरोप लगाए थे। इस मामले को लेकर बाद में रानौत ने बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उन्होंने दावा किया कि उनकी शिकायत और अख्तर की शिकायत दोनों एक ही घटना से संबंधित हैं और इसलिए एक साथ मुकदमा चलाया जाना चाहिए। इसलिए रानौत ने कोर्ट से अख्तर की शिकायत पर शुरू की गई मानहानि की कार्यवाही पर रोक लगाने का आग्रह किया।
हालांकि जस्टिस पीडी नाइक ने आज अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि अख्तर के मामले में ट्रायल पहले ही शुरू हो चुकी है। ऐसे में रानौत द्वारा मांगी गई राहत इस स्टेज पर नहीं दी जा सकती है।
इससे पहले मुंबई की एक सत्र अदालत ने रानौत की शिकायत पर जारी आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगा दी थी। इसको लेकर रनौत ने अपनी याचिका में दावा किया कि उनकी शिकायत पर जारी कार्यवाही पर रोक लगा दी गई, वहीं अख्तर की शिकायत पर कार्यवाही जारी है।
कंगना रनौत के वकील ने तर्क दिया कि यह अन्यायपूर्ण और प्राकृतिक न्याय के स्थापित सिद्धांतों के विरुद्ध है। हालांकि अख्तर की तरफ से याचिका का विरोध किया गया। अख्तर के वकील ने तर्क दिया कि रनौत ने गीतकार द्वारा शुरू किए गए मानहानि मामले में कार्यवाही में देरी करने के लिए याचिका दायर की थी।