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ICICI बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर की गिरफ्तारी थी अवैध, बॉम्बे हाईकोर्ट का CBI को झटका

Chanda Kochhar Loan Fraud Case: सीबीआई का आरोप है कि चंदा कोचर ने साजिश रचकर कई कंपनियों को लोन दिलवाया था।

मुंबईFeb 06, 2024 / 06:53 pm

Dinesh Dubey

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बॉम्बे हाईकोर्ट से चंदा कोचर को राहत

आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) की पूर्व सीईओ चंदा कोचर (Chanda Kochhar) को बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) से बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने कोचर की सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी को अवैध करार दिया है। साथ ही उनकी अंतरिम जमानत पर मुहर लगाई है।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार को आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ और एमडी कोचर की अवैध गिरफ्तारी का आरोप लगाने वाली याचिका पर अपना फैसला सुनाया। मालूम हो कि पिछले साल हाईकोर्ट ने आईसीआईसीआई बैंक – वीडियोकॉन लोन धोखाधड़ी मामले में गिरफ्तार चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को जेल से रिहा करने का आदेश दिया था।
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सीबीआई की दलील खारिज

अदालत ने अरेस्ट मेमो में गिरफ्तारी के लिए सीबीआई की ओर से बताए गए कारणों को खारिज कर दिया है। सीबीआई ने जांच में असहयोग और मामले के सही तथ्यों का खुलासा न करने के लिए कोचर दंपत्ति को गिरफ्तार किया था। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि कोचर दंपत्ति की गिरफ्तारी सीआरपीसी की धारा 41ए और 41(1)(बी)(ii) के अनुसार नहीं हुई है।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि सिर्फ इसलिए कि कोई आरोपी अपराध कबूल नहीं कर रहा है, इसका मतलब यह नहीं है कि आरोपी ने जांच में सहयोग नहीं किया। अदालत ने दंपत्ति की बार-बार सीबीआई हिरासत बढ़ाये जाने पर भी सवाल उठाये है।

17 दिन में मिल गई थी जमानत

सीबीआई ने 23 दिसंबर 2022 को लोन फ्रॉड मामले में कोचर दंपत्ति को गिरफ्तार किया था। हालांकि बॉम्बे हाईकोर्ट से अंतरिम जमानत मिलने के बाद कोचर और उनके पति दीपक कोचर को 9 जनवरी 2023 को रिहा कर दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने जमानत को कई बार बढ़ाये जाने के बाद हाईकोर्ट को सुनवाई में तेजी लाने का निर्देश दिया था।
सीबीआई का आरोप है कि वीडियोकॉन-आईसीआईसीआई लोन धोखाधड़ी केस में चंदा कोचर ने आपराधिक साजिश रची थी और छह अलग-अलग कंपनियों को लोन दिलवाया। इस लोन की राशि कई करोड़ रुपये थी। इसके अलावा कोचर ने कथित तौर पर अन्य बैंकों पर भी लोन पास करने के लिए दबाव बनाया था। इस मामले की शिकायत मिलने के बाद सीबीआई ने जनवरी 2019 में मुंबई ब्रांच में धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था।

क्या है पूरा मामला?

सीबीआई ने चंदा कोचर और उनके पति दीपक और वीडियोकॉन ग्रुप के वेणुगोपाल धूत के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। इस मामले में नूपावर रिन्यूएबल्स, सुप्रीम एनर्जी, वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड का भी नाम शामिल है।
वीडियोकॉन ग्रुप को 2012 में आईसीआईसीआई बैंक से लोन के रूप में सैकड़ो करोड़ रुपये मिलने के बाद धूत ने कथित तौर पर नूपावर में करोड़ों रुपये का निवेश किया। सीबीआई ने तलाशी अभियान के दौरान धोखाधड़ी से जुड़े कुछ दस्तावेज भी बरामद किए हैं।
चंदा कोचर पर आरोप है कि उन्होंने सीईओ रहते हुए आईसीआईसीआई बैंक से वीडियोकॉन को बड़ा लोन दिलवाया था। इसके बाद वीडियोकॉन ने चंदा कोचर के पति दीपक कोचर की कंपनी को 64 करोड़ रुपये का लोन दिया था। आईसीआईसीआई बैंक और वीडियोकॉन ग्रुप के निवेशक अरविंद गुप्ता का आरोप है कि चंदा कोचर ने वीडियोकॉन को कुल 3250 करोड़ रुपये का लोन दिलाने के एवज में निजी फायदे लिए थे।

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