चुनाव आयोग के मुताबिक, बीजेपी 41 सीटों पर जीत चुकी है और 7 सीटों पर आगे चल रही है और कांग्रेस 33 सीटों पर जीत चुकी है और 4 सीटों पर बढ़त बनाए हुए हैं। वहीं, इंडियन नेशनल लोक दल (इनोलो) दो सीट और 3 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार जीते हैं।
महाराष्ट्र चुनाव पर पड़ेगा असर?
288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा के लिए नवंबर में चुनाव होने हैं। जिसमें सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन और विपक्षी महाविकास अघाडी (एमवीए) गठबंधन के बीच कड़ी टक्कर होने की संभावना है। इससे एक महीने पहले आये हरियाणा चुनाव के नतीजों का असर महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव पर भी पड़ने की संभावना जताई जा रही है। खासकर हरियाणा में हार से महाराष्ट्र में सीट बंटवारे में कांग्रेस की बार्गेनिंग ताकत कम हो जाएगी और उस पर सहयोगी दलों का दबाव बढ़ जाएगा। दरअसल, महाराष्ट्र लोकसभा चुनाव में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी, जिससे राज्य में कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं के हौसले बुलंद थे। हरियाणा में जीत से बीजेपी की महाराष्ट्र इकाई का मनोबल बढ़ा है। प्रदेश बीजेपी नेताओं ने हरियाणा जैसी जीत महाराष्ट्र में भी दोहराने का दावा किया है। महायुति में शिवसेना (शिंदे गुट), बीजेपी और अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी है। जबकि एमवीए गठबंधन में उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना (यूबीटी), शरद पवार की एनसीपी (एसपी) और कांग्रेस शामिल है।
उद्धव गुट ने कहा- रणनीति पर विचार करे कांग्रेस
इस बीच, उद्धव गुट की नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने कांग्रेस को बड़ी नसीहत दी है। बीजेपी को जीत की बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी को अपनी रणनीति पर विचार करने की जरूरत है क्योंकि जहां भी उनकी सीधी लड़ाई बीजेपी से होती है, वह कमजोर पड़ जाती है।
शिवसेना (UBT) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, “अभी नतीजे पूरी तरह से नहीं आए हैं, लेकिन जिस तरह से चीजें चल रही हैं, उससे लगता है कि इतनी एंटी-इनकंबेंसी के बावजूद अगर बीजेपी सरकार बना रही है, तो मैं उन्हें बधाई देती हूं… उन्होंने सत्ता विरोधी लहर के बीच इतने अच्छे से प्रचार किया कि गुस्से के बावजूद लोगों ने उन्हें वोट दिया, यानी बीजेपी पर भरोसा बनाये रखा। कहीं न कहीं कांग्रेस को भी अपनी रणनीति पर गौर करना होगा.. जब भी बीजेपी से कांग्रेस का सीधा मुकाबला होता है, तो वे कहां कमजोर पड़ जाते हैं, ऐसा क्यों है और इसपर काम करें…”
हालांकि प्रियंका चतुर्वेदी ने स्पष्ट कहा कि हरियाणा के नतीजों का महाराष्ट्र में होने वाले चुनाव पर असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने आगे कहा, “महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव उन मुद्दों पर लड़ा जा रहा है जो हरियाणा से बिल्कुल अलग हैं। उन्होंने (बीजेपी) सिर्फ सत्ता के लिए पार्टियों और परिवारों को तोड़ा। उन्होंने चुनाव आयोग और संविधान का दुरुपयोग किया…महाराष्ट्र के उद्योग दूसरे राज्यों में ले जाया गया…महाराष्ट्र भावनाओं के आधार पर वोट करेगा…”