अफवाह के बाद चेन पुलिंग
रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि जलगांव जिले में बुधवार शाम 4.50 बजे पुष्पक एक्सप्रेस के दो दर्जन यात्री कर्नाटक एक्सप्रेस ट्रेन की चपेट में आ गए। ट्रेन में आग लगने की अफवाह के बाद पीड़ित यात्री अपने कोच के बाहर खड़े थे और तभी कर्नाटक एक्सप्रेस ने उन्हें टक्कर मार दी। बताया जा रहा है कि आग लगने की अफवाह के कारण किसी ने इंजन से चौथे डिब्बे डी-3 कोच से चेन खींच दी। जिसके बाद लखनऊ-मुंबई पुष्पक एक्सप्रेस महेजी और परधाडे स्टेशन के बीच एक मोड़ पर रुक गई। यात्री उतरने के लिए दौड़ पड़े। इस बीच बगल के पटरी पर बेंगलुरु-नई दिल्ली कर्नाटक एक्सप्रेस आ गई।
हादसे के लिए चाय वाला जिम्मेदार!
हादसे पर महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार ने कहा, “श्रावस्ती (यूपी) के उधल कुमार और विजय कुमार ट्रेन में थे वे जनरल बोगी में यात्रा कर रहे थे और ऊपर की बर्थ पर बैठे थे… पेंट्री से एक चाय बेचने वाले ने बोगी में आग लगने की आवाज लगाई, दोनों ने यह सुना और घबरा गए… कुछ यात्री आग से खुद को बचाने के लिए चलती ट्रेन से बाहर कूद गए… लेकिन ट्रेन स्पीड में थी इसलिए उनमें से एक ने चेन खींच दी और ट्रेन रुक गई… कई यात्री ट्रेन से उतर गए और रेलवे ट्रैक पार करने लगे… तभी कर्नाटक एक्सप्रेस बहुत तेज गति से आई और रेलवे ट्रैक पार कर रहे यात्रियों को टक्कर मार दी… हादसे में 13 लोगों की मौत हुई है।“
3 मृतकों की पहचान नहीं हुई
उपमुख्यमंत्री ने बताया कि यात्री उधल कुमार और विजय कुमार की ओर से फैलाई गई अफवाह के कारण यह घटना घटी, वे घायल हैं और उनका अस्पताल में इलाज चल रहा है। मृतकों में से 10 की पहचान हो गई है जबकि अन्य 3 की पहचान नहीं हो पाई है। कुल घायलों की संख्या 10 है, जिसमें 8 पुरुष और 2 महिलाएं है, हमने प्रशासन को सभी घायलों को सरकारी खर्च पर इलाज मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं। घटना की जांच चल रही है।” मोड़ की वजह से लोको पायलट को नहीं दिखे यात्री
एक अधिकारी ने बताया कि चेन पुलिंग के बाद पुष्पक एक्सप्रेस के चालक दल ने प्रोटोकॉल का पालन किया और ट्रेन की फ्लैशर लाइट चालू थी। लेकिन अंधा मोड़ होने की वजह से कर्नाटक एक्सप्रेस के लोको पायलट को फ्लैशर देरी से दिखा और तब तक बहुत देर हो चुकी है। इमरजेंसी ब्रेक लगाने के बावजूद ट्रेन कई यात्रियों को कुचलते हुए निकल गई।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, ट्रेन के लोको पायलटों ने घटना को टालने की पूरी कोशिश की। लेकिन पुष्पक एक्सप्रेस जहां खड़ी थी वहां दो डिग्री कर्व होने की वजह से कर्नाटक एक्सप्रेस के लोको पायलट को पटरी पार करते यात्री दूर से नहीं दिखे, जबकि अंधा मोड़ होने के कारण पीड़ित यात्रियों को भी तेज रफ्तार से आ रही ट्रेन करीब आने पर दिखी।
पीड़ितों को हर संभव मदद देंगे- PM
रेलवे ने जलगांव रेल हादसे में मृतकों के परिजनों को डेढ़-डेढ़ लाख रुपये, गंभीर रूप से घायल लोगों को 50,000 रुपये और मामूली रूप से घायल हुए लोगों को 5,000 रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की गई है। हादसे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताते हुए कहा, महाराष्ट्र के जलगांव में रेलवे ट्रैक पर हुए दुखद हादसे से दुखी हूं। मैं शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं और सभी घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं। अधिकारी प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान कर रहे हैं।