मैं कार्यकर्ता हूं, था और रहूंगा- शिंदे
अपने गृह जिले ठाणे में बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए एकनाथ शिंदे ने स्पष्ट कहा कि राज्य में महायुति की सरकार बनने में शिवसेना की तरफ से कोई अड़चन नहीं आएगी। उन्होंने कहा, मैंने खुद को कभी मुख्यमंत्री नहीं समझा, मैं आम कार्यकर्ता हूं, था और रहूंगा। शरीर में खून की आखिरी बूंद तक महाराष्ट्र के लिए काम करूंगा। इस दौरान शिंदे ने पीएम मोदी और अमित शाह का आभार जताया और कहा कि वह पीछे ढाई वर्षों से मेरे पीछे चट्टान की तरह रहे, जिससे राज्य के विकास को गति मिली और जनता को फायदा हुआ।
दिल्ली में कल अहम बैठक
शिंदे ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से फोन पर बात की और उन्हें बताया है कि मुख्यमंत्री को लेकर जो वह निरनय लेंगे वह शिवसेना को मान्य होगी। गुरुवार को दिल्ली में अमित शाह के साथ महायुति के नेताओं की अहम बैठक होगी। जिसमें एकनाथ शिंदे, देवेंद्र फडणवीस, अजित पवार शामिल होंगे। सूत्रों का कहना है कि बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने मुख्यमंत्री पद के लिए देवेंद्र फडणवीस का नाम फाइनल कर लिया है, साथ ही कुछ अन्य नामों पर भी विचार चल रहा है। लेकिन शिंदे खेमा चाहता है कि एकनाथ शिंदे ही फिर से राज्य के मुख्यमंत्री बने। शिवसेना नेताओं का तर्क है कि राज्य विधानसभा चुनाव निवर्तमान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में लड़ा गया था, ऐसे में महायुति की सफलता में उनका भी योगदान अहम है। वहीं बीजेपी नेताओं का कहना है कि महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री को लेकर फैसला पीएम मोदी और बीजेपी का संसदीय बोर्ड करेगा।
अजित पवार का फडणवीस को समर्थन!
वहीं दूसरी तरफ अजित पवार ने रविवार को अपने आवास पर नवनिर्वाचित एनसीपी विधायकों के साथ बैठक की, जहां उन्होंने फडणवीस के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया। एनसीपी के सूत्रों ने बताया कि अगर फडणवीस को बीजेपी विधायक दल का नेता चुना जाता है और उन्हें मुख्यमंत्री बनाया जाता है तो एनसीपी उन्हें अपना समर्थन देगी। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी नीत महायुति गठबंधन को प्रचंड बहुमत मिला है। महायुति में शामिल बीजेपी ने 132, शिवसेना ने 57 और एनसीपी ने 41 सीटों पर जीत हासिल की है। महाराष्ट्र की सभी 288 विधानसभा सीटों पर एक चरण में 20 नवंबर को मतदान हुआ। प्रदेश में महायुति गठबंधन में बीजेपी ने 149 सीटों पर चुनाव लड़ा, वहीं एकनाथ शिंदे नीत शिवसेना ने 81 सीटों पर और अजित पवार की एनसीपी ने 59 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे।
वहीं, महाविकास अघाड़ी (एमवीए) में शामिल शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ने सबसे अधिक 20 सीटों पर जीत हासिल की है। जबकि एमवीए में सबसे ज्यादा सीटों पर लड़ने वाली कांग्रेस 16 सीटों पर सिमट गई, शरद पवार की एनसीपी (एसपी) की झोली में 10 सीटें गई। अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी ने भी राज्य में दो सीटें जीती हैं जबकि अन्य के खाते में 10 सीटें आई हैं।