चिकित्सकों के आंदोलन से मरीजों के उपचार पर असर पड़ रहा था। दो दिन पहले डॉ. लहाने ने कहा था कि राज्य में बाढ़ की स्थिति कायम है ऐसे में हड़ताल नहीं की जानी चाहिए। इसके बावजूद डॉक्टरों ने बुधवार को हड़ताल की घोषणा कर दी थी। वहीं डॉ. लहाने ने स्पष्ट किया कि राज्य में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए संक्रामक रोगों समेत अन्य बीमारियों की घटनाओं में वृद्धि होने की संभावना है। इसलिए सार्वजनिक हित पर विचार करना महत्वपूर्ण है तो रेजिडेंट चिकित्सक के लिए हड़ताल पर जाने का निर्णय लेना उचित नहीं है। अगर चिकित्सक हड़ताल से वापस नहीं लौटते हैं तो रेजिडेंट डॉक्टरों के संगठन के पदाधिकारियों की गिरफ्तारी की जाएगी।
नागपुर, लातूर, अकोला आणि अंबेजोगाई के रेसिडेंट डॉक्टरों को दो दिनों में भुगतान किया जाएगा। वहीं दो महीने के टीबी और मातृत्व अवकाश पर सहमति बनी। विश्वविद्यालय के वेतन में वृद्धि की मांग अगले 15 दिनों में कैबिनेट में की जाएगी और बढ़े हुए वेतन को अगले महीने से रेजीडेंट डॉक्टरों के खाते में जमा किया जाएगा। हालांकि राज्य में बाढ़ और बीमारियों के प्रचलन के कारण हड़ताल अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया है। अगर सरकार हमारी मांगों को पूरा नहीं करती है तो यह 31 अगस्त को फिर से हड़ताल पर जाएंगे।
– डॉ. कल्याणी डोंगरे, अध्यक्ष, सेंट्रल मार्ड