देवेंद्र फडणवीस ने आगे कहा कि सेंसर बोर्ड ने इस फिल्म को मंजूरी दी। किसी को भी फिल्म के बारे में ऐसी टिप्पणी करने का अधिकार नहीं है। हाल ही में भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल के ज्यूरी हेड नदव लापिड ने कश्मीरी पंडितों के नरसंहार पर बनी इस फिल्म को भद्दी और प्रोपेगेंडा पर आधारित फिल्म बताया, जिसके बाद देश में इस पर फिर से बहस शुरू हो गई।
बता दें कि गोवा में आयोजित हुए 53वें इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया के जूरी प्रमुख नदाव लपिड ने अनुपम खेर और मिथुन चक्रवर्ती स्टारर फिल्म को ‘वल्गर प्रोपेगेंडा’ कहा। इस फिल्म फेस्टिवल की क्लोजिंग सेरेमनी में नदाव लपिड ने ये बयान दिया कि इस फिल्म से जूरी काफी डिस्टर्ब और हैरान हो गई थी। उनके इस बयान के बाद ट्विटर पर तरह-तरह की प्रतिक्रिया सामने आ रही हैं।
इस विवादास्पद बयान के बाद एक बार फिर बॉलीवुड दो खेमों में बंटा हुआ नजर आ रहा हैं। अनुपम खेर, अशोक पंडित से लेकर दर्शन कुमार ने इस बयान पर पलटवार करते हुए नादव लैपिड की निंदा की तो स्वरा भास्कर और प्रकाश राज जैसे कलाकारों ने इजराइली डायरेक्टर के साथ सहमति जताई।
बता दें कि विवेक अग्निहोत्री की इस फिल्म में अनुपम खेर, मिथुन चक्रवर्ती और पल्लवी जोशी मुख्य किरदार में नजर आए थे। यह फिल्म कश्मीरी पंडितों की आपबीती पर बनाई गई है। इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर तगड़ी कमाई करते हुए दर्शकों को फिर एक बार सिनेमाघरों की ओर खींच लिया था।