अधिकारियों ने बताया कि दादर की हिंदू कॉलोनी में ग्राउंड-प्लस-15 मंजिला रेनट्री बिल्डिंग की 13वीं मंजिल पर शनिवार सुबह करीब 8.30 बजे आग लग गयी। इस फ्लैट में किराए पर 56 वर्षीय मनोचिकित्सक सचिन पाटकर रहते थे, जिनकी मौत हो गई। सूत्रों ने बताया कि उन्हें सायन अस्पताल (Sion Hospital) में मृत लाया गया था।
फ्लैट के बेडरूम में डॉक्टर पाटकर फर्श पर बेहोश पड़े थे। कमरे का दरवाज़ा आधा खुला था। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया। लेकिन उनकी जान नहीं बची। बाद में हिंदू कॉलोनी में रहने वाली पाटकर की मां भी मौके पर आ गई।
रिपोर्ट के अनुसार, आग फ्लैट के हॉल से शुरू हुई थी। हालाँकि अभी आग लगने का कारण पता नहीं चला है और मामले की विस्तृत जांच जारी है। सायन अस्पताल के सूत्रों ने कहा कि पाटकर के शरीर पर जलने के कोई निशान नहीं हैं। उनकी मौत धुएं के कारण दम घुटने से हुई है।
डॉ सचिन पाटकर मुंबई के मशहूर मनोचिकित्सक थे। वह 30 वर्षों से अधिक समय से मनोचिकित्सक थे। सचिन पाटकर अपनी पत्नी के साथ वडाला के एक फ्लैट में रहते थे। उनकी पत्नी भी एक मनोवैज्ञानिक हैं। लेकिन पाटकर अपने बुजुर्ग पिता डॉ. एपी पाटकर (Dr A P Patkar) के करीब रहने के लिए रेनट्री में किराये के फ्लैट में शिफ्ट हो गए थे।
फायर ब्रिगेड के मुताबिक, आग में एसी यूनिट, पर्दा और एक डाइनिंग टेबल जलकर खाक हो गया। लेकिन आग अन्य कमरों तक नहीं फैली थी। सायन अस्पताल के सूत्रों ने कहा कि डॉक्टर के शरीर पर जलने की कोई चोट नहीं है। इसलिए माना जा रहा है कि धुआं की वजह से दम घुटने से उनकी मौत हो गई। माटुंगा पुलिस ने आकस्मिक मौत का मामला दर्ज किया है और जांच जारी है।
एपी पाटकर का नाम महाराष्ट्र के सबसे वरिष्ठ मनोचिकित्सकों में शुमार है और वे नायर अस्पताल के मनोचिकित्सा विभाग के दशकों पहले प्रमुख थे। बताया जा रहा है कि डॉ सचिन पाटकर का बेटा एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा है।