मस्जिदों के लाउडस्पीकरों से होने वाले ध्वनि प्रदूषण के खिलाफ शिकायतें मिलने के बाद भी कार्रवाई नहीं करने पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने मुंबई पुलिस को फटकार लगाई है। बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा, “मस्जिदों से होने वाले ध्वनि प्रदूषण पर कार्रवाई करने में विफलता अदालत की अवमानना के बराबर है।” साथ ही कोर्ट ने मुंबई पुलिस को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। मुंबई पुलिस को ध्वनि प्रदूषण की शिकायतों पर उसकी निष्क्रियता के संबंध में विस्तृत जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
बॉम्बे हाईकोर्ट एक स्थानीय निवासी की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इस मामले की अगली सुनवाई 29 मई को होगी। याचिकाकर्ता ने विशेष रूप से मुंबई के कांदिवली (Kandivali News) इलाके में स्थित लक्ष्मी नगर गौसिया मस्जिद (Lakshmi Nagar Gausia Masjid) के लाउडस्पीकरों से निकलने वाले ध्वनि प्रदूषण को लेकर यह याचिका दाखिल की थी।
मालूम हो कि अदालत की यह फटकार धार्मिक प्रतिष्ठानों में लाउडस्पीकरों के इस्तेमाल को लेकर छिड़ी बहस के बीच आई है। इससे पहले महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे (Raj Thackeray) ने मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने की मांग को लेकर राज्य सरकार को अल्टीमेटम दिया था।
ध्वनि प्रदूषण पर मौजूदा नियमों पर प्रकाश डालते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने अधिकारियों को याद दिलाया कि 2005 में सुप्रीम कोर्ट ने किसी भी सार्वजनिक स्थान पर रात 10 बजे से सुबह 6 बजे के बीच तेज आवाज वाले उपकरणों के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया था। यह पाबंदी लाउडस्पीकर के जरिए तेज आवाज में गाने बजाने, पटाखे फोड़ने और जरूरत से ज्यादा हॉर्न बजाने पर भी है।