महाराष्ट्र में कांग्रेस को 13 सीटें मिली है, जो पिछले लोकसभा चुनाव में महज एक थी। जबकि 23 सीटें जीतने वाली बीजेपी महज 9 सीटों पर सिमट गई।
राज्य की 48 लोकसभा सीटों में से बीजेपी ने 9 सीटें जीती हैं और 7 सीटें शिंदे की शिवसेना के खाते में गई हैं। वहीं अजित दादा की एनसीपी ने चार सीटों पर चुनाव लड़ा और एक सीट पर जीत मिली। विपक्षी खेमे में कांग्रेस को 13, शिवसेना (UBT) को 9, एनसीपी (शरद पवार) को 8 सीटों पर सफलता मिली है।
आरएसएस ने की आलोचना
लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन करने को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़ी पत्रिका ‘ऑर्गेनाइजर’ ने बीजेपी की आलोचना की है। इसमें कहा गया कि अजित पवार को समर्थन देने के कारण राज्य में बीजेपी की हार हुई है। बीजेपी-शिंदे सेना के पास बहुमत था, इसलिए अजित पवार की एनसीपी से गठबंधन की जरूरत नहीं थी। इस बीच, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा था कि लोकसभा चुनाव में राजनीतिक दलों ने मर्यादाओं का पालन नहीं किया। चुनाव प्रचार में जिस प्रकार एक दूसरे को लताड़ना, तकनीकी का दुरुपयोग, असत्य प्रसारित करना यह ठीक नहीं।
BJP प्रदेश अध्यक्ष क्या बोले?
आरएसएस के कड़े रुख के बाद अटकलों का बाजार गर्म हो गया है। अब इस पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने प्रतिक्रिया दी है। पत्रकारों के सवाल पर बावनकुले ने कहा, “अजित पवार को साथ लेने से बीजेपी को कोई नुकसान नहीं हुआ है। इसके विपरीत 2019 की तुलना में बीजेपी के वोट बढ़े हैं। यह सच है कि 2019 की तुलना में हमारी सीटें कम हुई हैं।
महाराष्ट्र में BJP को सबसे ज्यादा वोट
लोकसभा चुनाव 2024 में महाराष्ट्र में बीजेपी को सर्वाधिक 26.18 फीसदी वोट मिले हैं। इसके बाद 13 सीट जीतने वाली कांग्रेस को 16.92%, शिवसेना (यूबीटी) को 16.72% व शिवसेना (एकनाथ शिंदे) को 12.95% वोट मिले हैं। वहीं, अन्य को 11.23%, एनसीपी (शरदचंद्र पवार) को 10.27% और एनसीपी (अजित पवार) को 3.60 फीसदी वोट मिले हैं।
सुनेत्रा पवार को समर्थन
इस दौरान बीजेपी के राज्य प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले ने यह भी कहा कि सुनेत्रा पवार को जो राज्यसभा सीट दी गई है वह एनसीपी की सीट है. उन्हें महायुति के सभी लोगों का समर्थन प्राप्त है। इसलिए नामांकन में कौन साथ गया और नहीं गया इस बात का कोई मतलब नहीं है। दरअसल आज सुनेत्रा पवार के नामांकन में उनके साथ शिवसेना और बीजेपी का कोई नेता नहीं था।