इन पर आरोप है कि इन्होंने अपात्र होने के बावजूद पैसे देकर परीक्षा पास कर ली। ऐसे 7800 से ज्यादा अभ्यर्थियों को नोटिस जारी कर भविष्य में टीईटी की परीक्षा में बैठने से रोक दिया गया है। इस घोटाले को लेकर ठाकरे गुट हमलावर हो गया है। शिवसेना ने सत्तार के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
बता दें कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली एमवीए सरकार में पूर्व राज्य मंत्री सत्तार औरंगाबाद के सिल्लोड से विधायक हैं। औरंगाबाद के कई शैक्षणिक संस्थानों पर अब्दुल सत्तार की पकड़ अच्छी है। सत्तार की बेटियों हीना कौसर अब्दुल सत्तार शेख और उज्मा नाहिद अब्दुल सत्तार शेख के नाम उन उम्मीदवारों की सूची में शामिल हैं, जिन्होंने गलत तरीकों से और हेराफेरी करके टीईटी पास किया है। उनके प्रमाणपत्र रद्द कर दिए गए हैं।
इस बीच शिवसेना विधायक और नेता अंबादास दानवे ने इस घोटाले के बारे में कहा कि शिवसेना की मांग है कि इस मामले की राज्य सरकार की तरफ से जांच की जाए और इस पर कड़ी कार्रवाई भी हो। ये परीक्षाएं तब आयोजित की गई थी, जब अब्दुल सत्तार मंत्री पद पर थे। वहीं, दूसरी तरफ अब्दुल सत्तार ने इस मामले को उन्हें नकारते हुए बताया कि ये उन्हें बदनाम करने का एक प्रयास है। उन्होंने कहा कि यह बहुत गलत है। मेरी बेटियां परीक्षा में शामिल हुई थी, लेकिन पास नहीं हुई। मेरे पास इसे साबित करने के लिए दस्तावेज भी हैं।
7,880 सफल उम्मीदवार ‘जोड़-तोड़’ में शामिल: बता दें कि पुणे पुलिस टीईटी 2019-20 के लिए हुई परीक्षा और मूल्यांकन प्रोसेस में हुई हेराफेरी के आरोपों की जांच में जुटी है। एमएससीइ ने पिछले हफ्ते 7,880 सफल उम्मीदवारों को हेराफेरी में शामिल होने पर अयोग्य घोषित कर दिया। इसके साथ ही भविष्य में इन परीक्षाओं में उनके शामिल होने पर भी पूरी तरफ रोक लगा दी। टीईटी एक ऐसी परीक्षा है, जिसमें भावी टीचर्स से विज्ञान, गणित और भाषा कौशल से जुड़े प्रश्न पूछे जाते हैं। राज्य में यह महाराष्ट्र राज्य परीक्षा परिषद की तरफ से आयोजित की जाती है।