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मुंबई

Maharashtra Farmers Suicide: कब थमेगा अन्नदाताओं के जान देने का सिलसिला! महाराष्ट्र में 24 दिनों में 89 किसानों ने की आत्महत्या

Maharashtra Farmer News: मराठवाड़ा के किसान प्रकृति की मार से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। जबकि सरकारी मदद भी उन तक जरूरत के मुताबिक नहीं पहुंच रही है। इसलिए राज्य के मराठवाड़ा क्षेत्र में पिछले 24 दिनों के दौरान कर्ज और कम उपज से परेशान 54 किसानों ने अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली है।

मुंबईJul 24, 2022 / 11:12 am

Dinesh Dubey

Maharashtra Farmers Suicide news

मराठवाड़ा में 483 किसानों ने किया सुसाइड (File Pic)

Maharashtra Farmer Suicide: सरकार भले ही किसानों की समस्याओं को कम करने के लिए कई घोषणाएं कर चुकी हो, लेकिन हकीकत कुछ और है। महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने ‘आत्महत्या मुक्त महाराष्ट्र’ के नारे के साथ किसानों के हित में काम करने की बात कही थी।
शिंदे सरकार के गठन को 24 दिन हो चुके हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस दौरान राज्यभर में अब तक 89 किसानों ने आत्महत्या की है। एक ओर सत्ता स्थापित करने का सियासी खेल चल रहा है तो दूसरी ओर राज्य के अन्नदाता प्रकृति की अनहोनी का सामना कर रहे है। भारी बारिश और बाढ़ ने किसानों को बहुत नुकसान पहुंचाया है। इस बीच कर्ज लेने वाले किसानों की आर्थिक स्थिती बिगड़ती जा रही है. जिसके चलते किसान डिप्रेशन में जा रहे है और सुसाइड कर रहे है।
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मराठवाड़ा में सबसे ज्यादा आत्महत्या

मराठवाड़ा के किसान प्रकृति की मार से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। जबकि सरकारी मदद भी उन तक जरूरत के मुताबिक नहीं पहुंच रही है। इसलिए राज्य के मराठवाड़ा क्षेत्र में पिछले 24 दिनों के दौरान कर्ज और कम उपज से परेशान 54 किसानों ने अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली है।
बताया जा रहा है कि यह चरम कदम उन किसानों द्वारा ज्यादा उठाया जा रहा है जो उम्मीद के मुताबिक फसल का उत्पादन और प्रकृति से हुए नुकसान जैसे दोहरे संकट का सामना कर रहे हैं। मराठवाड़ा के बाद यवतमाल में इस दौरान 12 किसानों ने आत्महत्या कर ली है। जबकि जलगांव में 6, बुलाडाना में 5, अमरावती में 4, वाशिम में 4, अकोला में 3 और चंद्रपुर-भंडारा में 2 किसानों ने आत्महत्या की है।

क्या कहा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने?

महाराष्ट्र को किसान आत्महत्या मुक्त बनाने का संकल्प लेते हुए सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा था कि राज्य के किसानों को परेशानी न हो इसके लिए हम बड़े फैसले ले रहे हैं। किसानों को आत्महत्या करने से रोकने के उपाय भी किए जा रहे हैं। सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि किसानों को उनकी कृषि उपज का अच्छा मूल्य मिले। इतना ही नहीं आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर किसानों की जिंदगी बदली जानी चाहिए।

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