महाराष्ट्र में भी सरकारी और अर्धसरकारी कर्मचारियों की पुरानी पेंशन योजना को फिर से लागू करने की मांग जोर पकड़ रही है। 2005 में तत्कालीन कांग्रेस-एनसीपी सरकार ने पुरानी पेंशन योजना (OPS) की जगह नई पेंशन योजना (एनपीएस) शुरू की थी।
RBI ने दी चेतावनीहाल ही में केंद्र सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पुरानी पेंशन योजना की आलोचना की। साथ ही चेतावनी दी है कि पुरानी योजना से राज्यों के खजाने पर भारी बोझ पड़ेगा और भविष्य में बड़े वित्तीय संकट का सामना करना पड़ेगा।
इस बीच, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने बताया है कि राज्य सरकार पुरानी पेंशन के बारे में सकारात्मक सोच रही है। लेकिन सवाल उठ रहे है कि क्या केंद्र सरकार के विरोध के बावजूद राज्य में पुरानी पेंशन योजना लागू की जाएगी? वो भी तब जब खुद बीजेपी राज्य सरकार का हिस्सा है।
पुरानी पेंशन योजना पर बदला सुर!
महाराष्ट्र राज्य प्राथमिक शिक्षक समिति का 17वां त्रैवार्षिक अधिवेशन महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले के वेंगुर्ला में आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भी पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने घोषणा कि राज्य सरकार पुरानी पेंशन योजना को लेकर सकारात्मक है और अगले कुछ दिनों में उचित निर्णय लिया जाएगा।
ज्ञात हो कि राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दिसंबर 2021 में पुरानी पेंशन योजना को लेकर बड़ा बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि इस योजना से सरकारी खजाने पर 1.1 लाख करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा। इसके साथ ही उन्होंने पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की मांग को खारिज कर दिया था। हालांकि अब खबर है कि महाराष्ट्र सरकार ओपीएस लागू करने की दुविधा पर बीच का रास्ता निकाल सकती है। बीजेपी के दिग्गज नेता फडणवीस ने कहा है कि वह ओपीएस को लेकर नकारात्मक नहीं हैं।
महाराष्ट्र में 19 लाख सरकारी कर्मचारी
रिपोर्ट्स के अनुसार, महाराष्ट्र में कुल 19 लाख सरकारी और अर्धसरकारी कर्मचारी कार्यरत हैं। इसमें से करीब सात लाख कर्मचारी शिक्षा विभाग के हैं। जबकि 12 लाख कर्मचारी जिला परिषद, नगर परिषद, नगर निगम, राजस्व विभाग और मंत्रालय से जुड़े कर्मचारी हैं। इसमें से 6 लाख पेंशनभोगी हैं। लगभग 3 प्रतिशत कर्मचारी हर साल रिटायर्ड होते हैं।
बता दें कि पुरानी पेंशन योजना के तहत कर्मचारियों को उनके अंतिम वेतन और महंगाई भत्ते का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में मिलता है। जबकि मृत्यु के बाद उत्तराधिकारियों को 30 प्रतिशत पेंशन मिलती है। जबकि नई पेंशन योजना में कर्मचारी हर महीने अपने वेतन का 10 फीसदी भरता हैं। जबकि सरकार भी उसमें 14 फीसदी का योगदान देती है।