नहीं मिला है। मीरा भायंदर महानगरपालिका के शहर में हिंदी, उर्दू, मराठी और गुजराती मीडियम के स्कूल हैं,
जिनको मनपा संचालित कर रही है। इसमें साढ़े पांच हजार से अधिक विद्यार्थी पढ़ते हैं।
मीरा भायंदर मनपा संचालित सभी 39 स्कूलों के 172 शिक्षकों को आधा वेतन मनपा देती है। बाकी का आधा
वेतन राज्य सरकार अदा करती है। इसके बावजूद शिक्षकों को समय पर वेतन नहीं मिल पा रहा है, जिसके
चलते शिक्षकों में नाराजगी देखी जा रही है। शिक्षकों की माने तो यह पहली बार नहीं है कि उनका वेतन सही
समय पर नहीं है, अक्सर ऐसा होता है। जब त्योहार और गर्मी की छुट्टियों में देर से वेतन मिलता है तो उनके
साथ परिवार को तकलीफ हो जाती है। मीरा भायंदर महानगरपालिका में शिक्षण विभाग तो है पर शिक्षण अधिक
ारी ही नहीं हैं। पूर्व शिक्षण अधिकारी बाबर के बाद यह पद रिक्त है। इसलिए शिक्षक अपनी बात किसके सामने
रखे यह सवाल उनके समक्ष है। यही हाल शिक्षण सभापति का है, पूर्व नगरसेवक लियाकत शेख के बाद कोई
दूसरा इस पद पर नहीं आया और जल्दी आता भी नहीं दिखाई दे रहा है। नियमानुसार महीने की एक तारीख से
पांच तारीख के बीच शिक्षकों का वेतन उनके बैंक खाते में आ जाना चाहिए पर ऐसा हो नहीं रहा है।
सीसीटीवी की शिक्षकों की माने तो पूरा शहर सीसीटीवी की निगरानी में रखने की कवायद हो रही है पर मनपा स
ंचालित स्कूलों को अनदेखा किया जा रहा है। साथ ही विद्यार्थियों को दी जाने वाली मुफ्त किताबे और अन्य
साहित्य जून के प्रथम सप्ताह में दे देनी चाहिए वो भी समय पर नहीं दी जाती है। शिक्षकों के अनुसार मनपा
उनकी शिकायत सुनने और वेतन समय पर मिल जाए इसके लिए एक क्लर्क तक मुहैया नहीं करवा पा रही है।
अभी वेतन नहीं आया है
शासन के पास से अभी तक वेतन नहीं आया है इसलिए वेतन में देरी हो रही है और जल्दी ही वेतन शिक्षकों को
मिल जाएगा।
दीपाली पवार, समाज विकास अधिकारी, मनपा