मंदिर और उनसे जुड़ी मान्यताएं ये भारत देश में नयी बात नही है। लेकिन आज जिस मंदिर के बारे में आपको बताया जा रहा है वहां मन्नत पूरी होने पर प्रसाद के रूप में जिंदा नाग-नागिन का जोड़ा चढ़ाया जाता है। ये मंदिर मध्यप्रदेश के बुरहानपुर जिले में स्थित है और अपनी इसी मान्यता के लिए दूर-दूर प्रसिद्ध है।
बताया जाता है कि ये मंदिर नागदेवता का ही है, लेकिन नाग-नागिन चढ़ाने की ये अजीब परंपरा बरसों पुरानी है। वैसे तो यहां आमदिनों में भी भक्तों की आमद कम नही होती, लेकिन ऋषि पंचमी को खासे भक्तों की संख्या यहां देखने मिलती हैं। यह मंदिर उतवली नदी के समीप ही बना हुआ है। इसका आकार बहुत बड़ा नही है। लेकिन क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि इस मंदिर में मांगी गई मुराद कभी खाली नही जाती। ठीक उसी प्रकार जैसे बालाजी मंदिर मनोकामना पूर्ण होने के बाद बाल दान किए जाते हैं यहां नाग-नागिन का चढ़ावा लोग चढ़ाते हैं।
यह अनोखी परंपरा तीन सदी पुरानी बताई जाती है। लोग शादी, संतान और व्यापार की मन्नत भी यहां मांगने आते हैं औैर मनौती पूरी होने के बाद नाग-नागिन चढ़ाते हैं। यहां भक्त अपनी श्रद्धा के अनुसार सोने व चांदी के नाग-नागिन का जोड़ा भी चढ़ाते हैं। हालांकि उनकी संख्या ज्यादा होती है जो जिंदा नाग-नागिन चढ़ाते हैं। इस मंदिर की मान्यता जिंदा नागों की होने की वजह से ऐसा किया जाता है।
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