बाजार की सडक़ों पर दुकान व पार्किंग के चलते पैदल भी राह आसान नहीं
– छोटी बजरिया, पसारी बाजार, लोहिया बाजार और सिकरवारी बाजार के हालात खराब
– नगर निगम और सडक़ सुरक्षा समिति में हुए निर्णय सिर्फ बैठकों तक सिमिटे, नहीं होती कार्रवाई, नतीजा बाजारों में हर तरफ जाम
मुरैना. शहर के प्रमुख बाजारों में सडक़ पर दुकानों का सामान व अवैध पार्किंग के चलते राहगीरों का निकलना मुश्किल हो गया है। सडक़ सुरक्षा समिति व नगर निगम की बैठकों में शहर को साफ सुथरा करने व स्थाई व अस्थाई अतिक्र्रमण हटाने पर निर्णय लिए जाते रहे हैं लेकिन उन पर अमल आज तक नहीं हो सका है। नतीजा यह है कि बाजारों में जाम रहता है। शहर के छोटी बजरिया, पसारी बाजार, लोहिया बाजार और सिकरवारी बाजार के हालात बहुत खराब हैं। यहां दुकानों के आगे सामान रखकर, अवैध रूप से वाहनों के खड़ा करने से सडक़ों पर पूरी तरह जाम रहता है। अब नवदुर्गा शुरू हो रहे हैं, उसके बाद दशहरा व दीपावली का त्यौहार आ रहा है। इसके चलते बाजारों में हाथ ठेला, अवैध पार्किंग के चलते सडक़ों पर रास्ता निकलने तक नहीं रहता। नगर निगम, यातायात पुलिस व प्रशासन के अधिकारी पूर्व में कई बार हाथ ठेलों को हटा चुके हैं लेकिन हॉकर्स जोन सुचारू नहीं होने पर वापस ठेला बाजारों की सडक़ों पर आ जाते हैं। वहीं बाजारों में दुकानों के आगे तखत, चबूतरा बनाकर, सामान रखकर स्थाई व अस्थाई अतिक्रमण कर लिया है, जो लंबे समय से नहीं हटाया गया है। जिसके चलते अतिक्रमणकारियों के हौंसले बुलंद हैं। लोहिया बाजार: लोहिया बाजार में 60 फीट की सडक़ है लेकिन दुकानों का सामान सडक़ पर सजा होने से बमुश्किल पांच फीट का रास्ता बचता है जिससे निकलना मुश्किल हो जाता है। यहां दुकानों में इस बात की प्रतिस्पर्धा है कि मेरी दुकान का सामान सडक़ पर आगे कैसे रखा जाए। जुलाई माह में नगर निगम ने लोहे के एंगल लगाकर रास्ता बंद करने का तय किया था लेकिन ऐसा नहीं हो सका। इसलिए दिन भर जाम रहता है। छोटी बजरिया: छोटी बजरिया में ज्यादातर इलेक्ट्रोनिक की दुकान हैं। बाजार की सडक़ पहले से ही 12 के करीब चौड़ी है, उसके बाद दोनों तरफ बाइक खड़ी रहती हैं, इसे चलते वाहन तो दूर पैदल भी निकलने में बड़ी मशक्कत करनी पड़ती है। कई बार तो राहगीर को बाइक हटने तक खड़े होकर इंतजार करना पड़ता है। इस बाजार में तीन चार मल्टी बनी हुई हैं, इसके चलते रोजाना दर्जनों वाहन यहां पहुंचते हैं। सिकरवारी बाजार: सिकरवारी बाजार में ज्यादातर रेडीमेड वस्त्र की दुकान हैं यहां 20 फीट चौड़ी सडक़ होने के बाद भी यहां दुकानों के सामने वाहन खड़े होने से आम राहगीरों को निकलने में परेशानी होती है। यहां बड़ी- बड़ी दुकानें हैं लेकिन पार्किंग की व्यवस्था किसी के पास नहीं हैं। तल घर भी हैं लेकिन उनका पार्किंग की जगह व्यवसायिक उपयोग किया जा रहा है। त्यौहार पर यहां हालात बहुत खराब हो जाते हैं। पसारी बाजार: पसारी बाजार में दुकानों का सामान सडक़ पर सजा लिया है। यहां 20 फीट का मार्ग है लेकिन आधे से ज्यादा मार्ग पर अस्थाई अतिक्रमण कर लिया है। यहां दुकानदारों में प्रतिस्पर्धा है अगर किसी एक दुकानदार ने सामान सडक़ पर रख लिया है तो आसपास के दुकानदार भी अपनी दुकान से सामान सडक़ पर सजा लेता है। इस बाजार से जुड़े पड़ाव में थोक का कारोबार है, इसलिए दिन में कई बार चार पहिया वाहन व हाथ ठेले माल लेकर निकलते हैं तो जाम में फंसे रहते हैं। क्या कहते हैं नागरिक
बाजारों में स्थाई व अस्थाई अतिक्रमण को लंबे समय से नहीं हटाया गया है। स्थिति यह है कि बाजार जाने से पूर्व कई बार सोचते हैं तब जा पाते हैं क्योंकि वहां जाम का सामना करना पड़ता है। उपेन्द्र डंडोतिया, रामनगर
पुलिस, प्रशासन व नगर निगम हर बार बैठक में लंबी लंबी बातें करता है लेकिन उन पर अमल नहीं करता। पिछले लंबे समय से अस्थाई व स्थाई अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। रामलखन सिकरवार, सुभाष नगर कथन
शहर में स्थाई व अस्थाई अतिक्रमण व सडक़ पर खड़े हो रहे चार पहिया वाहनों को हटाने की कार्रवाई की जाएगी, इसके लिए प्लानिंग की जा रही है। सतेन्द्र धाकरे, आयुक्त, नगर निगम
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