सामने आए वीडियो में घटना की जानकारी देने और पुलिस से मदद की गुहार लगाने मृतकों के परिवार से राजकुमार सिंह तोमर उनके चाचा सिहोनियां थाने पहुंचे थे। लेकिन, यहां उन्हें पता चला कि, सुबह 10 बजे तक थाने में कोई स्टाफ ही नहीं है। थाने के बाहर सिविल ड्रेस पहने एक आरक्षक शेलेंद्र परमार बैठे थे, जिन्हें फरियादी ने अपनी पीड़ा सुनाते हुए जल्द से जल्द पुलिसिया मदद करने की बात कही। लेकिन, उनपर जानलेवा हमला होने की बात सुनने के बाद भी आरक्षक ने लापरवाही पूर्वक जवाब देते हुए कहा कि, ‘जितने भी मर रहे हैं उनको मर जाने दो थाने में स्टाफ नहीं है।’
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सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल
सामने आए वीडियो में फरियादी ने जब मदद की गुहार लगाई तो आरक्षक शेलेंद्र परमार ने सुबह 10 बजे के अनकरीब तक थाने में प्रभारी समेत अन्य स्टाफ न होने की बात कही। इसपर फरियादी ने कहा कि, ‘तो सर क्या फिर वहां सबको मर जाने दें।’ इसपर आरक्षक ने झल्लाते हुए जवाब दिया कि, ‘हां… मर जाने दो… सुबह का टाइम होता है, यहां एक आदमी लगा है, सबको इकट्ठा करने में’। इसपर फरियादी की ओर से कहा गया कि, ‘तो एक घंटे से चिल्ला रहे हैं लेकिन, थाने में कोई है ही नहीं।’ इसपर आरक्षक ने फिर चिल्लाते हुए कहा कि, ‘हां तो सुबह का टाइम रहता है यहां 50 आदमी नहीं है, 10 लोगों की पोस्टिंग है यहां पर।’ इसके बाद वो फोन पर अन्य पुलिसकर्मियों को बुलाने की जद्दोजहद करता रहा। हालांकि, घटना के बहुत देर बाद सिहोनिया थाना प्रभारी समेत अन्य स्टॉफ इकट्ठा हुआ और 1 घंटे बाद लेपागांव पहुंचा, लेकिन तबतक घटना स्थल पर 6 लाशें बिछ चुकी थीं और सभी आरोपी मौके से फरार हो चुके थे।
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जबतक पुलिस पहुंची, तबतक हो चुकी थी 6 हत्याएं
करीब एक घंटे बाद थाना प्रभारी सिहोनियां थाना पुलिस के साथ जबतक ग्राम लेपा पहुंची तबतक गजेन्द्र सिंह तोमर, वीरभान सिंह तोमर के परिवारों के बीच साल 2013 से चल रहे जमीन विवाद में गजेंद्र सिंह के परिवार पर आरोपी पक्ष वीरभान सिंह और सोवरन सिंह के पुत्र भूपेंद्र, अजीत और अन्य करीब आरोपियों ने गजेंद्र सिंह, उसके बेटे सत्यप्रकाश तोमर, संजू तोमर की हत्या कर दी थी। साथ ही, गजेंद्र की बहू केशकली पत्नी वीरेंद्र सिंह, बबली पत्नी नरेंद्र सिंह, मधू पत्नी सुनी सिंह तोमर को को गंभीर रूप से घायल कर दिया था। लेकिन, जबतक उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया, उनकी भी मौत हो चुकी थी।