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मोरेना

अब बायोमैट्रिक पहचान से बनेंगे जीएसटी के नए नंबर, रुकेगा फर्जीवाड़ा

– दो लोगों के नाम से पकड़ी बोगस फर्में, किया पंजीयन निरस्त
– एक फर्म के एड्रेस पर वृद्ध व्यक्ति मिला जो किसी और के यहां सहारा लिए हुए हैं और दूसरी फर्म के कार्यालय के एड्रेस पर मिला खाली प्लाट

मोरेनाDec 08, 2024 / 04:47 pm

Ashok Sharma

मुरैना. जीएसटी विभाग ने फर्जीवाड़ा रोकने के लिए नए नंबर लेने पर संबंधित फर्म संचालक को बायोमैट्रिक पहचान देनी होगी। इसके लिए कार्यालय पहुंचकर उसी व्यक्ति का थंब व कागज सम्मिट होंगे, जिसके नाम फर्म हैं, अभी तक फर्म किसी के नाम और कागज किसी और के सम्मिट कर दिए जाते, अब ये नहीं चलेगा।
फर्जीवाड़ा रोकने जीएसटी मुख्यालय से वेरीफिकेशन किया गया तो कुछ फर्म बोगस पाई गईं। इसी के तहत जीएसटी विभाग मुरैना के डिप्टी कमिश्नर सतेन्द्र सिसोदिया की देखरेख में पुरानी फर्मों की जांच की जा रही है। करीब 62 फर्मों की जांच उपरांत दो फर्म बोगस पाई गईं। जिनमें से एक आर के इंटरप्राइजेज जौरा रोड मुरैना पाई गई, इस फर्म का संचालक कैलारस का रहने वाला है। लेकिन उसका कार्यालय जौरा रोड पर दिखाया गया, वहां जीएसटी टीम को सिर्फ खाली प्लाट मिला। दूसरी फर्म किशन इंटरप्राइजेज के संचालक 65 वर्षीय किशन बाथम जो मजदूरी करता था, आज इसके न बच्चे और न पत्नी, किसी दूसरे के यहां गणेश पुरा में रहता है। किशन बाथम को नहीं पता कि उसके नाम से कोई फर्म बनी है। विभाग ने दोनों फर्म के पंजीयन निरस्त कर दिए हैं, उनके असल मालिक का पता कर रहा है।
लोन दिलाने के नाम से लिए थे कागज
बताया गया है कि जिन लोगों ने फर्म रजिस्टर्ड कराई थी, उन्होंने लोन दिलाने के नाम पर किशन बाथम सहित अन्य व्यक्ति से कागज लिए थे, क्योंकि किशन बाथम को पता ही नहीं हैं कि उनके नाम से किशन इंटरप्राइजेज नाम की कोई फर्म बनी हुई है। इन दोनों फर्मों के नाम पर लाखों के भुगतान किए जा चुके हैं, अब विभाग इनके असल मालिकों तक पहुंचने का प्रयास कर रहा है।
60 दिन में रिटर्न फाइल नहीं करने पर होगी कार्रवाई
जिन फर्मों का 60 दिन में रिटर्न फाइल नहीं होता है। उनका विभाग द्वारा धारा 62 के तहत असिसमेंट किया जा रहा है। ऐसी फर्मों को नोटिस देकर समय सीमा में टैक्स जमा करने की हिदायत दी जा रही है। अगर फर्म संचालक द्वारा 120 दिन के अंदर लेट फीस के साथ रिटर्न जमा नहीं किया जाता है तो उनसे विभाग द्वारा की गई डिमांड की राशि व व्यवसायी द्वारा तय की गई राशि दोनों ही जमा करानी होगी।
कथन
  • जीएसटी विभाग द्वारा फर्जीवाड़ा रोकने के लिए नई फर्मों के पंजीयन से पूर्व संचालक को कागज सहित कार्यालय आना होगा, उसकी बायोमैट्रिक पर पहचान होगी, उसके बाद पंजीयन किया जाएगा। दो बोगस फर्म मिली हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की गई है।
    सतेन्द्र सिसोदिया, डिप्टी कमिश्नर, जीएसटी

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