पोरसा मुक्तिधाम कमेटी के जिम्मेदारों पर होगी एफआइआर !
– दीपदान कार्यक्रम में वन्य प्राणी सर्पों के जीवन से खिलवाड़
– सर्प पकडऩे पर प्रतिबंध फिर भी बड़ी संख्या में पकड़े गए सर्पों को कई घंटे तक बनाया बंधक
– रेंजर बोले, छह माह तक की सजा का है प्रावधान
मुरैना. पोरसा मुक्तिधाम कमेटी के जिम्मेदारों के खिलाफ वन विभाग एफआइआर दर्ज कर सकता है। क्योंकि मुक्तिधाम में आयोजित दीपदान कार्यक्रम में बाहर से आए कलाकारों ने वन्य प्राणी सर्पों के जीवन से खिलवाड़ का मामला प्रकाश में आया है। यहां बड़ी संख्या में सर्पों को कई घंटे तक बंधक बनाकर यातनाएं दी गईं। इस मामले को वन विभाग ने गंभीरता से लिया है। यहां बता दें कि वन्य प्राणी अधिनियम के तहत शासन ने सर्प पकडऩे व बंधक बनाने पर रोक लगा रखी है, उसके बाद भी पोरसा मुक्तिधाम में 3 अक्टूबर की शाम को आयोजित दीपदान कार्यक्रम में बाहर से आए कलाकार बड़ी संख्या में सर्प पकडकऱ लाए और कई घंटे तक बंधक बनाकर उनको यातनाएं दी गईं। मंदिर कमेटी के अध्यक्ष डॉ. अनिल गुप्ता स्वयं अपने गले में तीन चार सर्प डाले हुए कार्यक्रम में तमाशबीन बनते नजर आए। कलाकारों ने सर्पों के साथ लंबे समय तक खींचतान की गई जिससे उनकी जान पर संकट आन पड़ा। इस संबंध में मंदिर कमेटी के अध्यक्ष डॉ. अनिल गुप्ता को दो बार फोन किया लेकिन उन्होंने मोबाइल रिसीव नही किया। प्रतिबंध के चलते नाथ समुदाय का छिना रोजगार अगर सर्प पकडऩे शासन द्वारा प्रतिबंध लगाया गया इसलिए पिछले कई सालों सें नाथ समुदाय के लोग बेरोजगार हो गए हैं क्योकि नाथ समुदाय के लोग नाग देवता को पकडकऱ द्वार- द्वार जाते और उसके सहारे भिक्षा मांगते जिससे वह अपने परिवार का भरण पोषण करते थे लेकिन प्रतिबंध के चलते वह रोजी रोटी के लिए परेशान हैं, उसके बाद भी पोरसा मुक्तिधाम कमेटी के जिम्मेदारों ने सर्पों का खेल दिखाकर उनके जीवन से खिलवाड़ तो की है साथ ही शासन के नियमों की सरेआम धज्जियां उड़ाई गई हैं। कथन
सर्प पकडऩा व बंधक बनाना दोनों ही अपराध की श्रेणी में आते हैं। मंदिर कमेटी के जिम्मेदार व सर्प पकडऩे वालों को नोटिस दिया जाएगा, चालान भी किया जाएगा। साथ ही इस मामले में छह माह तक की सजा का प्रावधान हैं। दीपक शर्मा, रेंजर, वन विभाग