संत समाज बोला: इस्लामपुरा भीषण विस्फोट को पुलिस अधीक्षक ने दिया सिलेंडर का रूप
– संत समाज व हिंदू संगठनों ने भरी हुंकार, रैली निकालकर राष्ट्रपति, केन्द्रीय गृहमंत्री एवं मुख्यमंत्री के नाम दिया ज्ञापन
– सात दिन में निष्पक्ष जांच नहीं तो होगा बड़ा आंदोलन
मुरैना. इस्लामपुरा में हुए भीषण विस्फोट को लेकर जिले का संत समाज व हिंदू संगठनों में बेहद आक्रोश है। संत समाज ने कहा कि विस्फोट को पुलिस अधीक्षक मुरैना जबरन सिलेंडर से होना बता रहे हैं जबकि असल कारण अभी तक सामने नहीं आए हैं। घटना के विरोध में रविवार को रैली निकालकर राष्ट्रपति, केन्द्रीय गृहमंत्री एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम चंबल संभाग के अपर आयुक्त अशोक चौहान व अपर कलेक्टर सी बी प्रसाद को सौंपा गया। घटना को लेकर हिंदू संगठन पूर्व में एसपी व कलेक्टर को ज्ञापन दे चुके हैं, उसके बाद भी कोई निष्कर्श सामने नहीं आया तब रविवार को दोहपर में संत समाज व हिंदू संगठन के लोग बड़ी संख्या में टाउन हॉल जीवाजी गंज में एकत्रित हुए और वहां से नारेबाजी करते रैली निकाली। रैली वेयर हाउस रोड, गोपीनाथ की पुलिया, शंकर बाजार, झंडा चौक, हनुमान चौराहा, सदर बाजार, ओवरब्रिज चौराहे से होते हुए पुरानी कलेक्ट्रेट पहुंचा। यहां संत समाज ने पुलिस अधीक्षक व कलेक्टर के खिलाफ आक्रोश व्यक्त किया। वक्ताओं ने कहा कि इस्लामपुरा में सिलेण्डर जैसी ऐसी कोई वस्तु फटी नहीं पाई गई जो इतना भीषण विस्फोट कर सके। इस विस्फोटक सामग्री की ताकत इतनी प्रबल थी कि इससे 4 मकान ध्वस्त हुए एवं एक किलोमीटर के दायरे के कई मकानों में दरार पड़ गई। इसके बावजूद भी हादसे की गंभीरता को न देखते हुए पुलिस अधीक्षक द्वारा गैरजिम्मेदार बयान एवं पत्र जारी किए गए। संत समाज ने कहा कि मुरैना जिले की आन्तरिक सुरक्षा, शांति बनाए रखने एवं मुरैना जिले में संचालित अवैध गतिविधियों की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए एवं अवैध गतिविधियों में संलिप्त दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। उक्त मामले में आरोपियों को चिह्नित करने एवं निर्दोष लोगों के नुकसान की भरपाई के लिए पुलिस अधीक्षक एवं कलेक्टर को विभिन्न जन समूहों द्वारा आवेदन दिया जा चुका है, लेकिन घटना को गंभीरता से न लिया जाकर जनता में अविश्वास पैदा किया गया। मुरैना जिले की गतिविधियों की राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी से जांच कराने की मांग की है। ज्ञापन में ये की गई मांग
मौजा शिकारपुर के गणेशपुरा क्षेत्र में नगर निगम भूमि सर्वे क्रमांक 85, 87 में कब्रिस्तान के नाम से शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा कर बाउंड्री निर्माण कार्य चालू किया गया, जिसमें जनता के द्वारा पिछले ढाई माह से लगातार सीमांकन की मांग की जा रही है, लेकिन एक विशेष समुदाय को खुश करने एवं लाभ दिलाने के उद्देश्य से आज दिनांक तक सीमांकन कराया जाना सुनिश्चित नहीं किया जा सका।
मुरैना में अवैध मजार, कब्रिस्तान एवं मस्जिदों के नाम पर शासकीय अशासकीय भूमि एवं रेलवे की पटरी से सटाकर मजार का निर्माण, स्टेशन रोड पर पूर्व स्टेशन थाने की भूमि पर मजार निर्माण, एवं राष्ट्रीय धरोहर जैसे सबलगढ़ के किले पर अवैध मकानों एवं अवैध मस्जिद का निर्माण कर कब्जा किए जाने जैसे कई मामलों के संबंध में भी प्रशासन को कई बार चेताया गया लेकिन प्रशासन अचेत बना रहा।
जिले में संचालित विभिन्न मदरसों और मस्जिदों में बाहरी राज्यों एवं विदेशों से आने वाले जमाती एवं संदिग्ध लोगों के बारे में जानकारी पुलिस और प्रशासन को रखना अत्यंत आवश्यक है, लेकिन इस संबंध में भी जानकारी पुलिस के पास कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है। राष्ट्रीय राजमार्गों पर खुलेआम संदिग्ध मेवाती ढाबे संचालित हैं। यह मुरैना की सुरक्षा और पुलिस एवं प्रशासन की कार्रवाई पर बहुत बड़ा प्रश्न चिन्ह है।
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