बता दें कि रविवार की रात से ही जिले भर में बारिश हो रही है और किसान ऐसे में छतरी और त्रिपाल ओढ़कर खाद के लिए कतारों में लगे हुए हैं। जिन किसानों के पास छतरी या तिरपाल नहीं है वे भीग रहे हैं । कुछ।किसान गमछा ओढ़कर भीगने से बचने का प्रयास कर रहे हैं। जब इस संबंध में किसानों ने उप संचालक किसान कल्याण एवं कृषि पीसी पटेल से संपर्क करने का प्रयास किया तो उनके मोबाइल पर कोई रिस्पांस नहीं मिला। किसानों का कहना है की सर्वर डाउन होने की स्थिति में ऑफलाइन खाद वितरण की व्यवस्था करनी चाहिए, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी किसानों की बातों पर गंभीर नहीं दिखाई दे रहे हैं।
इससे पहले 12 अक्टूवर को खाद लेने के लिए किसान रात से ही काउंटर के सामने लाइन में लगे थे सुबह अधिकारी पहुंचे तो उन्होंने बताया कि खाद खत्म हो चुका है, अब रैक आएगी तब मिलेगा। उसके बाद किसान आक्रोशित हो गए और मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री और केन्द्रीय कृषि मंत्री के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। किसानों ने काफी देर तक हंगामा किया। किसान फिर भी इसी आस में शायद खाद मिल जाए, वहां दिन भर खड़ा रहा और कुछ तो अपनी ट्रॉली के नीचे ही सो गए। लेकिन खाद स्टॉक में नहीं था इसलिए नहीं मिला।
खाद को लेकर पिछले दो सप्ताह से किसान परेशान हैं। तेज धूप में घंटों लाइन में लगता है और देर शाम जब तक उसका नंबर आता है खाद खत्म हो जाता है। जिनको मिल रहा है, वह भी पर्याप्त नहीं हैं। सोमवार को खाद की किल्लत को लेकर सबलगढ़ में ट्रक से खाद लूटा गया, कैलारस में पथराव और मुरैना में चक्काजाम के साथ हंगामा भी किया। इससे पूर्व भी खाद संकट को लेकर किसान हंगामा, प्रदर्शन कर चुके हैं।