जिंदा को मृत समझकर सात घंटे तक फ्रीजर में रखा इतना ही नहीं, करीब सात घंटे तक श्रीकेश को के बाद एक पंचनामा या दस्तावेज पर शव की पहचान के बाद परिवार के सदस्यों के हस्ताक्षर लेकर शव परीक्षण के लिए सहमति देनी थी, तभी श्रीकेश कुमार की भाभी मधुबाला ने देखा कि उसका शरीर थोड़ा हिला। जिसके बाद मधुबाला ने कहा कि वह मरा नहीं है। यह कैसे हुआ? देखिए, वह कुछ कहना चाहता है, वह सांस ले रहा है। वहां मौजूद किसी व्यक्ति ने इस घटनाक्रम का वीडियो बना लिया जो अब वायरल हो रहा है। परिजनों ने कहा कि हम डॉक्टरों के खिलाफ लापरवाही की शिकायत दर्ज कराएंगे, क्योंकि उन्होंने श्रीकेश को फ्रीजर में रखकर लगभग मार डाला था।
हम इसे लापरवाही नहीं कह सकते- सीएमओ मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर शिव सिंह ने बताया कि आपातकालीन चिकित्सा अधिकारी ने सुबह 3 बजे मरीज को देखा था तब उसका दिल नहीं धड़क रहा था। उसने कई बार उस व्यक्ति की जांच की थी। उसके बाद उसे मृत घोषित कर दिया गया था, लेकिन सुबह पुलिस की टीम और उसके परिवार ने उसे जीवित पाया। जांच के आदेश दे दिए गए हैं। हमारी प्राथमिकता अब उसकी जान बचाना है। सीएमओ ने कहा कि यह उन दुर्लभ मामलों में से एक है.. हम इसे लापरवाही नहीं कह सकते।
अब चढ़ाया जा रहा है खून श्रीकेश को इलाज के लिए अब मेरठ मेडिकल कॉलेज के न्यूरो सर्जरी विभाग में भर्ती कराया गया है। श्रीकेश के साथ उनके परिवार के सदस्य लगातार रह रहे हैं और एक मिनट के लिए भी उन्हें अकेला नहीं छोड़ रहे है। न्यूरोसर्जन डॉक्टर मनीष भी स्थिति स्थिर होने का इंतजार कर रहे हैं। इसके बाद आपरेशन किया जाना है। जानकारी के मुताबिक श्रीकेश को खून चढ़ाया जा रहा है। अस्पताल में भी हर कोई घटना को सुनने के बाद हैरान है कि भगवान की मर्जी के बिना कुछ नहीं हो सकता है।
चार अस्पतालों को नोटिस, जिंदा मरीज को क्यों कह दिया मुर्दा ? मुरादाबाद जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. शिव सिंह ने श्रीकेश को मृत घोषित करने के मामले में चार अस्पतालों (तीर्थंकर महावीर अस्पताल, ब्राइट स्टार अस्पताल, साईं अस्पताल और विवेकानंद अस्पताल) से जवाब मांगा है। उनसे पूछा गया है कि नगर निगम कर्मचारी श्रीकेश को भर्ती करने के बाद क्या उपचार दिया गया था। सांस के लिए कर्मचारी के मुंह में किन उपकरणों को लगाया गया था। नींद की कौन सी दवाइयां दी गई थीं। पूरी जानकारी जल्द उपलब्ध कराई जाएं। डॉ. शिव ने बताया कि रिपोर्ट मिलने के बाद मरीज की स्थिति क्लीयर होगी।