बता दें कि मुरादाबाद के पाकबड़ा में रहने वाली 14 वर्षीय किशोरी से एक व्यापारी नरेश सक्सेना रेप की वारदात को अंजाम दिया था। इसके बाद पुलिस ने पीड़ित किशोरी की तहरीर पर 10 अगस्त 2018 को केस दर्ज किया। जांच के बाद पुलिस ने 22 सितंबर को आरोप पत्र अदालत में पेश करते हुए आरोपी नरेश सक्सेना और उसकी पत्नी गीता को जेल भेज दिया था। इसी बीच पीड़िता को पता चला कि वह गर्भवती है। इसके बाद उसको समाज की आेर से तरह-तरह के ताने मिले, लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी। दुष्कर्म पीड़िता किशोरी ने बिन ब्याही मां बनने के लिए हिम्मत दिखाई तो नारी उत्थान केन्द्र (पहल) ने उसकी नियमित काउंसिलिंग के साथ नियमित मेडिकल चेकअप कराया। इसी बीच गुरुवार को प्रसव पीड़ा के चलते किशोरी को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन जिला अस्पताल में कम उम्र का हवाला देते हुए डिलीवरी करने से इनकार कर दिया गया। इसके बाद पुलिस ने पूरा खर्च उठाने की बात कहते हुए गम्भीर हालत में निजी अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन यहां भी चिकित्सकों ने जच्चा-बच्चा की हालत चिंताजनक बताते हुए मेरठ मेडिकल काॅलेज के लिए रेफर कर दिया। बताया जा रहा है कि मेरठ मेडिकल काॅलेज में शुक्रवार सुबह 10.30 बजे पीड़ित किशोरी ने बेटे को जन्म दिया है। चिकित्सकों का कहना है कि जच्चा-बच्चा दोनों पूरी तरह स्वस्थ हैं।
बेटे को जन्म देने के बाद बलात्कार पीड़ित किशोरी का कहना है कि अब वह बच्चे के सहारे बाकी की जिंदगी काटेगी। साथ ही उसने कहा कि आरोपियों को सजा दिलाने के लिए वह बेटे को ही हथियार बनाकर पेश करेगी यानी बच्चे के डीएनए के जरिए आरोपियों को सजा दिलाएगी। उसने कहा कि भले ही समाज से उसे लाख ताने मिले, लेकिन वह समाज से छिपकर नहीं रहेगी। वह हर हाल में बेटे को मुकाम दिलाकर ही रहेगी। वहीं एसएसपी ने बताया कि किशोरी आैर बच्चे की सुरक्षा के लिए पुलिस टीम लगा दी गर्इ है। पुलिस सुरक्षा में ही दोनों को मेडिकल काॅलेज से घर ले जाया जाएगा। उन्होंने कहा कि पीड़िता से हुए बलात्कार के मामले में बच्चा आरोपी को सजा दिलाने की अहम कड़ी हैं। बच्ची का डीएनए करवाकर आरोपी को सजा दिलाई जाएगी।