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राज्य मंत्री का है ये रोल
जिला पंचायत अध्यक्ष शलिता सिंह के खिलाफ पिछले काफी दिनों से कुर्सी पलटने के लिए जमीन तैयार की जा रही थी। इसमें राज्य मंत्री भूपेन्द्र चौधरी के समर्थकों की भूमिका मानी जा रही है। आज 22 जिला पंचायत सदस्य कलेक्ट्रेट पहुंचे और अध्यक्ष पर कई आरोप लगाकर उनके खिलाफ अविश्वास जताया। जिस पर उन्हें नियमानुसार कार्यवाही की बात कही गयी है।
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इतने सदस्यों ने सौंपा अविश्वास प्रस्ताव
इस समय 31 जिला पंचायत सदस्य हैं,जबकि तीन पद रिक्त हैं जिन पर चुनाव की प्रक्रिया चल रही है। चूंकि आधे से अधिक सदस्यों ने अविश्वास प्रस्ताव सौंपा है। इसलिए ये माना जा रहा है कि इस बार जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी जाना तय है।
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पिछले साल भी हुआ था प्रयास
यहां बता दें कि पिछले साल भी योजना बद्ध तरीके से अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था,जो गिर गया था और नियमानुसार एक साल में प्रस्ताव दो बार नहीं आ सकता। इसलिए एक साल तक कुर्सी सलामत रही। अब एक बार फिर शलिता सिंह का विरोधी खेमा सक्रीय हो गया है जिसमें इस बार सांसद की उदासीनता से उसे अपनी जीत नजर आ रही है। वहीँ पिछले दिनों खुद जिला पंचायत अध्यक्ष शलिता सिंह ने भी राज्य मंत्री पर काम न करने देने के आरोप लगाए थे।