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खुलेंगे रोजगार के विकल्प
यहां के छात्रों एवं शिक्षकों की इस अभूतपूर्व प्रतिभा को देखते हुए अब आईआईटी-खड़गपुर के कुछ एल्युमनी, इन्डना यूनिवर्सिटी, यूएसए के प्रोफेसर नेल्सन एवं आईआईटी, खड़गपुर के प्रोफेसर मंडल ने मिलकर यहां के शिक्षकों एवं छात्रों के तकनीकी विकास में सहायता करने का फैसला लिया है। जिससे वह समाज की ज्यादा से ज्यादा परेशानियों को दूर कर सकें और समाज में युवाओं को रोजगार देने के लिए अधिक से अधिक संख्या में स्टार्टअप खोलने के लायक बन सके।
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ये संस्था बनेगी
इसके लिए इन लोगों ने एक संस्था, रैंकथोंन, का निर्माण किया है। जिसके अंतर्गत इन लोगो की एक टीम कई देशों में तकनीकी छात्रों एवं शिक्षकों को वर्तमान में प्रयोग में आने वाली तकनीकी शिक्षा की जानकारी देने के साथ-साथ उन्हें ट्रैन भी करते हैं। जिससे शिक्षकों को उनके द्वारा की जा रही रिसर्च में एवं छात्रों को रोजगार लेने में अथवा अपना खुद का काम स्टार्ट करने में मदद मिलती है।
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विश्वस्तर की होगी लैब
एमआईटी संस्थान का आज का दिन इसीलिए खास रहा क्योंकि यहां के मैनेजमेंट एवं आईआईटी रुड़की से रिटायर्ड प्रोफेसर अमिताभ घोष जो कि अब एमआइटी संस्थान में तकनीकी निदेशक के पद पर हैं की मेहनत से एमआइटी संस्थान एवं रैंकथोन संस्था के मध्य एक एमओयू (समझौता) हुआ है। इस समझौते के अंतर्गत अब रैंकथोन संस्था की एक टीम एमआईटी संस्थान में एक विश्व स्तरीय लेबोरेटरी स्थापित करेगी। जिसमें वर्तमान में चल रही एवं भविष्य में प्रयोग में लाई जाने वाली सभी तकनीक जैसे मशीन लर्निंग, ऑटोमेशन, रोबोटिक्स , आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, साइबर सिक्योरिटी, क्लाउड कंप्यूटिंग आदि के बारे में यहां के छात्रों एवं शिक्षकों को सिखाया जाएगा।
ये लोग रहे मौजूद
इस समझौते से सबसे ज्यादा फायदा इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन एवं कंप्यूटर साइंस से इंजीनियरिंग करने वाले छात्रों को होगा। एमओयू साइन होते समय एमआईटी संस्थान के प्रबंधन तंत्र के सभी सदस्य, तकनीकी निदेशक प्रोफेसर अमिताभ घोष एवं रैंकथोन टीम के सदस्य सागरदीप और विवेक वर्मा उपस्थित थे।