हिंदुओं की बेरोजगारी, आत्महत्या, बंद होते कारखाने और लगातार पिछड़ने को मुद्दा बनाते हुए प्रवीण तोगड़िया ने कहा कि राम जन्म भूमि पर बाबरी मस्जिद बनाने की साजिश चल रही है और सरकार खामोशी से तमाशा देख रही है। प्रवीण तोगड़िया ने अपने संबोधन में सरकार से सवाल किया कि जब कारसेवा शुरू की गई थी उस वक्त क्यों कोर्ट की राह नहीं देखी गई। विहिप नेता ने आरोप लगाया कि देश में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने के लिए ही कारसेवकों को आगे कर बलिदान किया गया था और जब सरकार बन गई तो सरकार उस बलिदान को भूल गई है।
देवबंद की प्रसिद्ध मस्जिद से पहली बार जुमे की नमाज के बाद एक अप्रैल को लेकर हुआ ये बड़ा ऐलान प्रवीण तोगड़िया ने इस दौरान कहा कि रामजन्म भूमि पर राम मंदिर के निर्माण के लिए आंदोलन की शुरुआत मुरादाबाद के सपूत दाऊ दयाल खन्ना ने की थी और उस वक्त वह कांग्रेस में थे। 1982 में दाऊ दयाल खन्ना ने विश्व हिंदू परिषद को आंदोलन की कमान सौंपी। भाजपा सरकार पर आक्रमक नजर आ रहे प्रवीण तोगड़िया ने कहा कि चार साल में ना तो राम मंदिर बना, ना ही विस्थापित कश्मीरी हिंदुओं को वापस घर भेजा गया। इतना ही नहीं गौरक्षा कानून भी सरकार नहीं बना पाई। तोगड़िया ने कहा कि मुरादाबाद, सूरत, कोयम्बटूर से कारोबार बंद होते जा रहे हैं और व्यापारी, किसान और मजदूर आत्महत्या कर रहे हैं।
प्रवीण तोगड़िया ने हिंदुओं को संगठित होने का आह्वान करते हुए कहा कि देश के किसी भी हिस्से में हिन्दू सुरक्षित नहीं है। कश्मीर से लेकर बंगाल और बिहार से लेकर झारखंड तक हिंदुओं पर अत्याचार हो रहे हैं, जबकि सरकार बंग्लादेश से आए घुसपैठिये मुस्लिमों को देश से बाहर नहीं निकाल रही है। तोगड़िया ने सरकार की नाकामी गिनाते हुए कहा कि आजादी के बाद पहली बार झारखंड में ग्यारह गौरक्षकों को जेल भेजा गया।
बता दें कि पिछले कुछ समय से भाजपा सरकार के खिलाफ आक्रमक तेवर अपना रहे प्रवीण तोगड़िया लगातार मोदी सरकार पर हमलावर हो रहे हैं। सरकार के चुनावी घोषणा पत्र के वादों को लेकर निशाना साध रहे हैं। तोगड़िया ने इस दौरान खुलासा किया कि कोर्ट की राह देखने का संदेश दे रही सरकार के पीछे राम जन्म भूमि पर बाबरी मस्जिद बनाने की साजिश रची जा रही है।