गौरतलब है कि ज्यादातर टेलिकॉम कंपनियों ने 11 डिजिट नंबर का विरोध करते हुए कहा था कि 11 डिजिट मोबाइल नंबर स्कीम से सॉफ्टवेयर व हार्डवेयर समेत बड़े पैमाने पर कन्फिग्युरेशन मॉडिफिकेशन करने पड़ेंगे। इससे लागत पर असर पड़ेगा और यूजर्स को दिक्कत का सामना करना पड़ेगा। वहीं ट्राई का मानना है कि 11 डिजिट नंबर होने से यूजर्स को एक्स्ट्रा डिजिट डायल करने के साथ फोन मैमोरी को अपडेट करना पड़ेगा। इससे परेशानी बढ़ेगी और कंपनियों को रेवेन्यु का नुकसान सहना पड़ेगा।
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बता दें कि ट्राई ने कहा था कि लैंडलाइन से मोबाइल नंबर पर फोन करने से पहले 0 लगाना अनिवार्य होगा। साथ ही मौजूदा मोबाइल में अंकों की संख्या को 10 से 11 करने का भी सुझाव दिया गया था। TRAI ने PMO को चिट्टी लिखकर जानकारी दी थी कि भारत में 65 करोड़ लोग इंटरनेट यूज़र्स हैं। जबकि महज 2 करोड़ लोगों के पास लैंडलाइन ब्रॉडबैंड है। इसलिए ब्रांडबैंड को ज्यादा संख्या में उपलब्ध कराए जाने पर ध्यान देना चाहिए। इससे पहले TRAI ने 2017 में ब्रॉडबैंड बढ़ाने की सिफारिश की थी, लेकिन उसपर अभी तक कोई फैसला नहीं आया है।