विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के एक रिसर्च के मुताबिक, साल 2003 का SARS-CoV वायरस एक कांच की सतह पर 96 घंटे (4 दिन ) दिन, मजबूत प्लास्टिक और स्टेनलेस स्टिल पर 72 घंटे ( 3 दिन ) तक जिंदा रहता था। ठीक ऐसे ही यूनाटेड स्टेट्स के National Institutes of Health की रिसर्च में पाया गया है कि नोवल-कोरोना वायरस (SARS-CoV-2) भी SARS-CoV वायरस की तरह मजबूत प्लास्टिक और स्टेनलेस स्टिल पर 3 दिन जिंदा रहता है। इसके अलावा ये कोरोना वायरस कार्डबोर्ड पर 24 घंटे और तांबे पर 4 घंटे ही जिंदा रहता है। हालांकि, इस नए रिसर्च में ये नहीं पता चला है कि ये कोरोना वायरस ग्लास पर कब तक जिंदा रहता है।
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WHO और NIH के रिसर्च काफी हद तक एक जैसे हैं ऐसे में आपका स्मार्टफोन आपके लिए खतरा साबित हो सकता है। इतना ही नहीं उन सभी गैजेट्स पर कोरोनावायरस का कहर है जो ग्लास से बने हैं, फिर वो आपका स्मार्टवॉच, टैबलेट या फिर लैपटॉप ही क्यों न हो। ऐसे में इनको साफ करने के लिए गैजेट लिक्विड, गीले कपड़े से या फिर सैनेटाइज़ करने के लिए 70 प्रतिशत isopropyl अल्कोहल सॉल्युशन का इस्तेमाल करें। इसके अलावा बाजार फोन का इस्तेमाल कम करें ताकि वो किसी के संपर्क में आने बचा रहे।