हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, ऐप क्यूआर कोड और बारकोड – स्कैनर को खासतौर पर यूजर्स की सुविधा के लिए पेश किया गया था। यह ऐप लोगों के बीच काफी पॉपुलर हुआ। यह दिखने में सामान्य ऐप लगता था, लेकिन असलियत में यह ऑनलाइन स्कैम को अंजाम देना का एक जरिया था। इसमें कई टी-बोट मैलवेयर शामिल थे, जो हैकर्स तक यूजर की हर एक जानकारी पहुंचाते थे। इसका उपयोग करके हैकर्स लोगों के अकाउंट खाली कर देते थे। अगर आपने भी इस ऐप को डाउनलोड किया है, तो तुरंत इसे डिलीट कर दें।
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लंबे समय से गूगल प्ले-स्टोर पर उपलब्ध था ऐप:
क्यूआर कोड और बारकोड – स्कैनर ऐप लंबे समय से गूगल प्ले-स्टोर पर उपलब्ध था। इससे पहले मेलिशियस ऐप को एसएमएस-आधारित फ़िशिंग अभियानों के माध्यम से लोगों तक पहुंचाया गया। वहीं, जो इसे डाउनलोड कर चुके थे, उन्हें नकली अपडेट भेजकर मैलवेयर को ऐप में अपलोड किया गया।
ऐसे करें फर्जी ऐप से अपना बचाव:
यदि आपके मोबाइल में यह ऐप है, तो इसे तुरंत हटाएं। भविष्य में कभी भी ऐसा कोई ऐप परमिशन मांगे, जिसकी उसे आवश्यकता न हो तो उसे परमिशन न दें। इसके अलावा ऐप की डिटेल पर जरूर ध्यान दें। अगर ऐप में कुछ गड़बड़ लगती है तो उसे तुरंत रिपोर्ट करके अपने स्मार्टफोन से डिलीट करें।