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क्या है शंघाई सहयोग संगठन? भारत कैसे बना इसका सदस्य?

शंघाई सहयोग संगठन की स्थापना 1996 में हुई थी।
भारत और पाकिस्तान 2017 में SCO के स्थाई सदस्य बने।
मौजूदा समय में SCO के आठ स्थाई सदस्य हैं।

Jun 13, 2019 / 02:18 pm

Anil Kumar

शंघाई सहयोग संगठन

क्या है शंघाई सहयोग संगठन?

नई दिल्ली। किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक में शंघाई सहयोग संगठन ( Shanghai Cooperation Organization ) की 19वीं बैठक 13 और 14 जून को हो रही है। इस बैठक में सभी सदस्य देशों के अलावा कुछ मेहमान देशों के राष्ट्राध्यक्ष भी शामिल होंगे। आइए , आपको बताते हैं कि यह SCO यानी शंघाई सहयोग संगठन क्या है ?

कब हुई स्थापना?

शंघाई सहयोग संगठन की स्थापना 26 अप्रैल 1996 को चीन के शंघाई शहर में एक बैठक के दौरान हुई थी। दरअसल, चीन ( China ) , रूस ( Russia ) , कजाकिस्तान ( Kazakhstan ), किर्गिस्तान ( Kyrgyzstan ) और ताजिकिस्तान ( Tajikistan ) आपस में एक-दूसरे के नस्लीय और धार्मिक तनावों से निपटने के लिए सहयोग करने पर सहमत हुए थे। इसे शंघाई फाइव के नाम से जाना गया। इसके बाद 15 जून 2001 में चीन, रूस और चार मध्य एशियाई देशों कजाकिस्तान , किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उजबेकिस्तान ( Uzbekistan ) के शीर्ष नेताओं ने मिलकर शंघाई सहयोग संगठन की शुरुआत की। सभी देशों ने नस्लीय और धार्मिक चरमपंथ से निबटने और व्यापार व निवेश को बढ़ाने के लिए एक-दूसरे के साथ समझौता किया। जब शंघाई फाइव के साथ उजबेकिस्तान जुड़ गया तो इसका नाम बदलकर शंघाई सहयोग संगठन कर दिया गया। शंघाई सहयोग संगठन के 6 सदस्य देशों का भूभाग यूरोशिया का 60 फीसदी है। इस संगठन में शामिल देशों में दुनिया की एक चौथाई आबादी रहती है।

शंघाई सहयोग संगठन के सदस्य देशों के प्रतिनिधि

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भारत कब बना SCO का सदस्य?

शंघाई सहयोग संगठन के सदस्य देशों में भारत पहली बार 2005 में कजाकिस्तान के अस्ताना में हुए सम्मेलन में हिस्सा लिया था। भारत के साथ पहली बार ईरान, मंगोलिया और पाकिस्तान के प्रतिनिधियों ने भी हिस्सा लिया था। इन सभी देशों के पर्यवेक्षक के तौर पर आमंत्रित किया गया था। इसके बाद से रूस लगातार भारत की स्थाई सदस्यता को लेकर बात आगे बढ़ाता रहा। चीन ने भी SCO में भारत का स्वागत किया। इसके बाद भारत ने सितंबर 2014 में SCO की सदस्यता के लिए आवेदन किया। उधर अमरीका ने 2005 में संगठन में पर्यवेक्षक देश बनने के लिए आवेदन किया था जिसे नकार दिया गया था। भारत को 9 जून 2017 में अस्ताना में हुए शिखर सम्मेलन के दौरान स्थाई देश के तौर पर मान्यता दी गई। भारत के साथ पाकिस्तान को भी 2017 में ही स्थाई सदस्य देश के तौर पर मान्यता मिली थी।

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ये हैं सदस्य देश

26 अप्रैल 1996 : (चीन, कजाकिस्तान, रूस, किर्गिस्तान, तजाकिस्तान)

15 जून 2001: (उजबेकिस्तान)

9 जून 2017: (भारत और पाकिस्तान)

ये हैं पर्यवेक्षक देश

अफगानिस्तान, ईरान, मंगोलिया, बेलारूस आदि पर्यवेक्षक देश हैं।

ये हैं डायलॉग पार्टनर

नेपाल, अर्मेनिया, कंबोडिया और अजरबेजान, श्रीलंका, तुर्की इस संगठन के डायलॉग पार्टनर हैं।

 

 

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