दरअसल, अमरीका ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ( UNSC ) में एक आपात चर्चा के दौरान चीन को घेरने के लिए हांगकांग ( Hong Kong Protest ) का मुद्दा उठाया। इसमें अमरीका ( America ) का साथ ब्रिटेन ने भी दिया। अमरीका ने नया सुरक्षा कानून लगाने की प्रक्रिया पर विरोध जताते हुए उसे अंतरराष्ट्रीय समझौते का उल्लंघन बताया और कहा कि इससे आने वाले दिनों में हालात बिगड़ेंगे।
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इससे चीन भड़क गया और कहा कि अमरीका को पहले मिनियापोलिस में हो रही हिंसा पर ध्यान देना चाहिए। चीन ने लगे हाथों आरोप लगा दिया कि अमरीका मिनियापोलिस में विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों पर अत्यधिक बल प्रयोग कर रहा है और अश्वेत समुदाय के खिलाफ भेदभाव कर रहा है। बता दें कि चीन की आपत्ति के बाद 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद ने हांगकांग पर बंद कमरे में अनौपचारिक चर्चा की।
चीन के खिलाफ मोर्चाबंदी
कोरोना वायरस को लेकर दुनिया में घिरते जा रहे चीन के खिलाफ मोर्चेबंदी शुरू हो गया है। UNSC में हांगकांग मामले पर अमरीका की ओर से उठाए गए मुद्दे का ब्रिटेन, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया ने भी साथ दिया। सभी ने एक स्वर में कहा कि हांगकांग मसले पर चीन के कदम को अंतरराष्ट्रीय समझौते का उल्लंघन है।
सभी देशों के विदेश मंत्रियों ने संयुक्त बयान जारी कर एक देश-दो व्यवस्था के सिद्धांत के उल्लंघन पर चीन की निंदा की और हांगकांग की संपन्नता और स्थिरता के लिए चीनी संसद के फैसले को लागू न करने की मांग की। संयुक्त राष्ट्र के लिए अमरीकी राजदूत केली क्राफ्ट ने कहा कि आज मैंने परिषद से एक सवाल किया- क्या हम स्वतंत्रता पसंद करने वाले दूसरे लोगों की तरह हांगकांग के लाखों नागरिकों के मानवाधिकारों और गरिमापूर्ण जीवन जीने के उनके तरीके का बचाव करने के लिए कोई सम्मानजनक रुख अपनाने जा रहे हैं या फिर चीन की कम्युनिस्ट पार्टी को अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करने और हांगकांग के लोगों पर अपनी इच्छा को थोपने की अनुमति देंगे जो अपनी स्वतंत्रता और जीवन की अपनी शैली को संरक्षित करने के लिए हमारी ओर देख रहे हैं?’
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इसपर बीजिंग ने पलटवार करते हुए कहा कि विधेयक को पारित करना पूरी तरह से चीन का आंतरिक मसला है, इसका सुरक्षा परिषद के कामकाज और अधिकारक्षेत्र से कोई लेना-देना नहीं है।
चीन को मिला रूस का साथ
UNSC में चीन के खिलाफ मोर्चेबंदी में जहां अमरीका का साथ कई दशों ने दिया वहीं दूसरी ओर रूस ने भी दोस्ती निभाते हुए चीन का साथ दिया। चीन के राजदूत झांग जुन और रूस ने अमरीका को जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या का जिम्मेदार ठहराया और कहा कि परिषद को ऐसे मामलों पर ध्यान देना चाहिए और उन पर कार्रवाई करनी चाहिए जो अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए जरूरी हैं।
उन्होंने उदाहरण देते हुए अमरीका और ब्रिटेन पर जमकर हमला बोला। झांग जुन ने कहा कि अंतराराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा पर ब्रेक्जिट का प्रभाव, अमरीका और अन्य देशों की तरफ से लगाए गए एकतरफा प्रतिबंध, मिनियापोलिस में प्रदर्शनकारियों पर अत्यधिक बल प्रयोग, अफ्रीकी अमेकी युवा की हत्या और अफ्रीकी अमरीकियों के खिलाफ नस्लीय भेदभाव दर्शाता है, लेकिन हम इन मुद्दे पर आप के साथ मिल कर काम करने के लिए तैयार हैं।
UNSC में रूस के पहले उप स्थाई प्रतिनिधि दिमित्री पोलीयांसिकी ने ट्वीट करते हुए चीन के समर्थन में कहा कि सुरक्षा परिषद में हांगकांग का मुद्दा उठाना अमरीका और ब्रिटेन का ‘अजीब कदम’ है। इसे परिषद के सदस्यों का बहुमत नहीं है। यह विभाजनकारी, द्वेषपूर्ण मुद्दा है जिसका अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा से कोई लेना देना नहीं है और ऐसे मुद्दे परिषद में नहीं लाए जाने चाहिए।’