महामारी के कारण यात्रियों की जान जोखिम में अमरीकी विदेश विभाग ने सोमवार को एक बयान में कहा कि उन्होंने ऐसे देशों का एक वर्ग तैयार किया है, जहां पर जाना खतरनाक हो सकता है। दूसरे देशों में यात्रा से पहले यात्री को एक गाइडेंस दी जा रही है। इसे “डू नॉट ट्रैवल” के नाम से जारी किया गया है। इस वर्ग में 80 प्रतिशत देश ऐसे हैं जहां पर COVID-19 महामारी के कारण यात्रियों की जान जोखिम में हैं। विभाग ने एक बयान में बताया कि इस अपडेट से दुनिया भर के लगभग 80 प्रतिशत देशों को लेवल 4 की श्रेणी में रखा गया है।
अधिकतर अमरीकियों को पहले से ही COVID-19 प्रतिबंधों के कारण यूरोप की यात्रा करने से रोका गया था। वाशिंगटन ने लगभग सभी गैर-अमरीकी नागरिकों पर भी रोक लगाई है। इनमें यूरोप, चीन, ब्राजील, ईरान और दक्षिण अफ्रीका के अधिकांश देश हैं।
ब्रिटेन की “रेड लिस्ट” में जोड़ा वहीं भारत में कोरोना विस्फोट होने के बाद प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने अपनी भारत यात्रा को रद्द कर दिया है। इसके साथ ब्रिटेनवासियों की यात्रा पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। स्वास्थ्य सचिव मैट हैनकॉक ने कहा कि ब्रिटेन या आयरिश नागरिकों को छोड़कर भारत से आने वाले सभी देशों पर प्रतिबंध लगाते हुए भारत को ब्रिटेन की “रेड लिस्ट” में जोड़ा जा रहा है। इन्हें लौटने पर 10 दिनों के लिए सरकार द्वारा अनुमोदित संगरोध होटल में रहने का भुगतान करना होगा।
क्वाररंटीन सेंटर में रहना होगा हैनकॉक ने कहा कि ब्रिटेन या आयरिश नागरिकों को छोड़कर भारत से सभी आगमन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। भारत को ब्रिटेन की “रेड लिस्ट” में जोड़ा जा रहा है। यूके और आयरिश नागरिकों को 10 दिनों के लिए सरकार द्वारा तैयार क्वाररंटीन सेंटर में रहना होगा। इसके साथ यहां पर रहने के लिए भुगतान करना होगा।
भारत दूसरे स्थान पर भारत ने सोमवार को 273,810 नए संक्रमण के मामले सामने आए हैं। यहां अचानक महामारी के दैनिक मामलों में बढ़ोतरी हुई है। यहां पर अब तक 15 मिलियन से अधिक संक्रमण के मामले आ चुके हैं। संक्रमण मामले के ये आंकड़े बताते हैं कि संयुक्त राज्य अमरीका के बाद भारत दूसरे स्थान पर है।