इस रिपोर्ट की मानें तो यदि हम अब भी नहीं संभले और जरूरी एहतियाती कदम नहीं उठाएं तो सबकुछ तबाह हो जाएगा। न जीवन बचेगा और न ही प्राकृतिक आवास। दरअसल, सोमवार को पर्यावरण विशेषज्ञों ने पूरी दुनिया के लिए चेतावनी जारी की है। विशेषज्ञों ने कहा है कि जिस तरह से जलवायु परिवर्तन की गति बढ़ रही है वैसे में यदि हम नहीं संभले और कोई उपाय नहीं किया तो कोई भी सुरक्षित नहीं बचेगा।
Climate change : आइपीसीसी की रिपोर्ट पर नजर, बढ़ता तापमान चिंताजनक
जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र द्वारा नियुक्त अंतरसरकारी समिति IPCC (Intergovernmental Panel on Climate Change ) की छठी मूल्यांकन रिपोर्ट (एआर6) ‘क्लाइमेट चेंज 2021: द फिजिकल साइंस बेसिस की ताजा रिपोर्ट में भारत को भी अलर्ट किया गया है। इसमें कहा गया है कि दूसरे महासागर की तुलना में हिंद महासागर अधिक तेजी से गर्म हो रहा है। ऐसे में बढ़ते जलवायु परिवर्तन के कारण भारत में लू और बाढ़ का खतरा आने वाले समय काफी बढ़ सकता है।
टूट सकता है पेरिस एंग्रीमेंट का संकल्प
रिपोर्ट के मुताबिक, यदि दो डिग्री तापमान बढ़ता है तो भारत, चीन और रूस में गर्मी का प्रकोप काफी बढ़ जाएगा। साथ ही ग्लेशियर के पिघलने से समुद्र के जलस्तर में बढ़ोतरी होगी। इससे भारत के कई तटवर्ती इलाकों के डूबने की पूरी संभावना है।
रिपोर्ट: भारत के आठ राज्यों में अधिक है जलवायु परिवर्तन का खतरा, बिहार, झारखंड और असम ज्यादा संवेदनशील
रिपोर्ट में कहा गया है कि धरती का तापमान 2030 तक 1.5 डिग्री तक कम करने को पेरिस एग्रीमेंट में लिया संकल्प टूट सकता है। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने सोमवार को चेतावनी भरे अंदाज में कहा है कि जलवायु परिवर्तन को लेकर सभी को सचेत हो जाना चाहिए। रिपोर्ट में आगे यह भी कहा गया है कि 1900 के बाद से अब तक महासागरों का जलस्तर 20 सेंटीमीटर बढ़ चुका है। बीते दशक के दौरान यह तीन गुना बढ़ गया है।