अमरीका-ईरान तनाव के बीच पीएम मोदी ने की हसन रूहानी से मुलाकात, चाबहार पर की चर्चा
आपको बता दें कि पीएम मोदी से पहले मॉरिशस के राष्ट्रपति, इंडोनेशिया के उपराष्ट्रपति और लिसोथो के प्रधानमंत्री इस सत्र को संबोधित किया। पीएम मोदी का संबोधन चौथे नंबर पर हुआ। संयुक्त राष्ट्र महासभा का यह सत्र 30 सितंबर तक चलेगा।
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– पीएम मोदी जैसे ही भाषण खत्म करके बाहर आए तो उनके साथ सेल्फी लेने की होड़ मच गई। हजारों की संख्या में भारतीय मूल के लोग पीएम का भाषण सुनने आए थे। इस दौरान लोगों ने पीएम मोदी को बधाई दी।
– जब पीएम मोदी संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र को संबोधित कर रहे थे, उस दौरान बाहर काफी लोग जमा थे और उनलोगों ने भारत माता के जय के नारे लगाए। पीएम मोदी के भाषण के दौरान संयुक्त राष्ट्र महासभा के बाहर भारतीय समुदाय के लोगों ने ढोल नगाड़े बजाकर जश्न मनाया।
– जब एक विकासशील देश, दुनिया की सबसे बड़ी हेल्थ एश्योंरेंस स्कीम सफलतापूर्वक चलाता है, इससे 50 करोड़ लोगों को हर साल 5 लाख रुपए तक के मुफ्त इलाज की सुविधा देता है, तो उसके साथ बनी संवेदनशील व्यवस्थाएं, पूरी दुनिया को एक नया मार्ग दिखाती है।
– जब एक विकासशील देश दुनिया का सबसे बड़ा Financial Incusion कार्यक्रम सफलतापूर्वक चलाता है, सिर्फ पांच साल में 37 करोड़ से ज्यादा गरीबों के बैंक खाते खोलता है, तो उसके साथ बनी व्यवस्थाएं पूरी दुनिया के गरीबों में एक विश्वास पैदा करती है।
– मैं यहां आते वक्त संयुक्त राष्ट्र की इमारत की दीवार पर पढ़ा ‘नो मोर सिंगल यूज प्लास्टिक’ मुझे सभा को ये बताते हुए खुशी हो रही है कि आज जब मैं आपको संबोधित कर रहा हूं, तब इस वक्त भी हम पूरे भारत को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त करने के लिए एक बड़ा अभियान चला रहे हैं।
– भारत हजारों वर्षों पुरानी एक महान संस्कृति है, जिसकी अपनी जीवंत परंपराएं हैं, जो वैश्विक सपनों को अपने में समेटे हुए है।
– हमारे संस्कार, हमारी संस्कृति, जीव में शिख देखती है
– हमारा प्राणतत्व है कि जनभागीदारी से जनकल्याण हो और ये जनकल्याण भी सिर्फ भारत के लिए नहीं जनकल्याण के लिए हो और तभी तो हमारी प्रेरणा है- सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास।
– ये सिर्फ भारत की सीमाओं में सीमित नहीं है। हमारा परिश्रम न तो दया भाव है औ न ही दिखावा, ये सिर्फ और सिर्फ कर्तव्य है भाव से प्रेरित है।
– हमारे प्रयास 130 करोड़ भारतीयों को केंद्र में रखकर हो रहे हैं, लेकिन ये प्रयास जिन सपनों के लिए हो रहे हैं, वो सारे विश्व के हैं, हर देश के हैं, हर समाज के हैं। प्रयास हमारे हैं, परिणाम सभी के लिए हैं, सारे संसार के लिए हैं।
– भारत के लिए बीते पांच साल में सदियों चली आ रही विश्व बंधुत्व और विश्व कल्याण की उस महान परंपरा को मजबूत करने का का किया है, जो संयुक्त राष्ट्र की स्थापना का भी ध्येय रही है।
– अगर इतिहास और Per Capita Emission के नजरिए से देखें तो ग्लोबल वार्मिंग मे भारत का योगदान बहुत ही कम रहा है। लेकिन इसके समाधान के लिए उठाने वालों में भारत एक अग्रणी देश हैं।
– UN Peacekeepin Mission में सबसे बड़ा बलिदान अगर किसी देश ने दिया है, तो वह भारत है।
– हम उस देश के वासी हैं, जिसने दुनिया को युद्ध नहीं बुद्ध दिए हैं, शांति का संदेश दिया है। इसलिए हमारी आवाज में आतंक के खिलाफ दुनिया को सतर्क करने की गंभीरता भी है और आक्रोश भी।
– आतंक के नाम पर बंटी हुई दुनिया, उन सिद्धांतों को ठेस पहुंचाती है, जिनके आधार पर UN का जन्म हुआ है। इसलिए मानवता की खातिर, आतंक के खिलाफ पूरे विश्व का एकमत होना, एकजुट होना मैं अनिवार्य समझता हूं।
– 21वीं सदी की आधुनिक तकनीक, समाज, निजी जीवन, अर्थव्यवस्था, सुरक्षा, कनेक्टिविटी और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में सामूहिक परिवर्तन ला रही है। इन परिस्थितियों में एक बिखरी हुई दुनिया किसी के हित में नहीं रहै। ना ही हम सभी के पास अपनी-अपनी सीमाओं के भीतर सिमट जाने का विकल्प है।
– इस नए दौर में हम Mulitlateralism और संयुक्त राष्ट्र को नई शक्ति, नई दिशा देनी होगी।
– सवा सौ साल पहले भारत माहन अध्यात्मिक गुरु स्वामी विवेकानंद के शिकागो में World Parliament Of Religions के दौरान विश्व को एक संदेश दिया था। ये संदेश था ‘Harmony and Peace and not Dissension’
– विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र का आज भी अतंर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए यही संदेश है -’Harmony and Peace’
– इस वर्ष दुनिया का सबसे बड़ा चुनाव हुआ
– दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में दुनिया में सबसे ज्यादा लोगों ने वोट दिया
– मुझे और मेरी सरकार को पहले से ज्यादा मजबूत जनादेश मिला
– इस जनादेश की वजह से ही आज फिर से मैं यहां पर हूं
– जब एक विकासशील देश दुनिया का सबसे बड़ा स्वच्छता अभियान सफलता पूर्वक संपन्न करता है
– सिर्फ पांच साल में 11 करोड़ देशवासियों को शौचालय बना कर दिया है
– इससे पहले बनी व्यवस्थाएं पूरी दुनिया को एक प्रेरक संदेश देती है
बता दें कि पीएम मोदी का भाषण तीन देशों के राष्ट्राध्यक्षों के भाषण के बाद हुआ, तो वहीं आज ही पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भी संयुक्त राष्ट्र के इस सत्र को संबोधित करेंगे। इमरान खान का भाषण 6 देशों के प्रमुखों के भाषण के बाद 7वें नंबर पर होगा।
माना जा रहा है कि इमरान खान फिर से कश्मीर मामले पर अपना पक्ष रखेंगे और भारत को मानवाधिकार के मामले में घेरने की कोशिश करेंगे। हालांकि अब तक हर अंतर्राष्ट्रीय मंच पर इमरान खान को मुंह की खानी पड़ी है।
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