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आईएसआई से सावधानइंटरनेशनल अफेयर्स फोरम के अंतर्राष्ट्रीय संबंध विशेषज्ञों के एक वरिष्ठ संपादक और साक्षात्कारकर्ता अलेक्जेंड्रा गिलियार्ड ने ग्लोबल सिक्योरिटी रिव्यू में दावा किया है कि पाकिस्तान की आईएसआई जम्मू-कश्मीर (जम्मू-कश्मीर) में आतंकवादियों को न सिर्फ हायर करती है बल्कि उन्हें ट्रेनिंग और हथियार भी देती है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के किश्तवार जिले में 7 दिसंबर की घटना का उदाहरण दिया है जहां पुलिस ने पाकिस्तान जासूसी एजेंसी के एजेंट के रूप में काम कर रहे एक संदिग्ध सहारन शेख को गिरफ्तार किया। इंटरनेशनल अफेयर्स फोरम ने दावा किया है कि इन प्रयासों को पाकिस्तान द्वारा क्षेत्रीय अखंडता को नुकसान पहुंचाने के खतरे के रूप में देखना चाहिए। अफगान तालिबान और हक्कानी नेटवर्क समेत कई आतंकवादी संगठनों के लिए समर्थन देने को लेकर आईएसआई की दुनिया भर में निंदा की गई है। इसके बाद भी उसने अपनी गतिविधियां सीमित नहीं की हैं।
गिलियार्ड ने काउंटर-आतंकवाद नीति को लागू करने में विफलता के लिए आईएसआई और पाकिस्तान सरकार को दोषी ठहराया। उन्होंने लिखा है , “पाकिस्तान के भीतर, 2013 और 2016 के बीच कानून और आतंकवाद विरोधी नीतियों के बाद हाल के वर्षों में आतंकवादी हमलों में गिरावट आई है। हालांकि, आईएसआई ने चरमपंथियों के लिए निरंतर गुप्त समर्थन बढाने के लिए कट्टरपंथी समुदाय में सक्रिय प्रचार अभियान छेड़ा है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पाकिस्तान सरकार आईएसआई और आतंकियों के सामने बुरी तरह असफल हुई है। आईएसआई आतंकवादी समूहों को नष्ट करने के लिए किसी हिचकिचाहट से पीड़ित है।
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भारत के लिए बड़ा खतरापाकिस्तान और आईएसआई को भारत के लिए बड़ा खतरा माना जा रहा है। पाकिस्तान पर आरोप है कि जितना संभव हो सके, उसने भारत के क्षेत्रीय प्रभाव को सीमित करने के लिए काम किया है। पाकिस्तान आईएसआई के जरिये भारत विरोधी आतंकवादी समूहों के समर्थन के रूप में आया है। आतंकवादी समूहों को भारत विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर में हमले करने के लिए अधिकृत कर दिया गया है। बता दें कि अंतर्राष्ट्रीय संकट समूह के मुताबिक इस क्षेत्र में आतंकवाद तब तक अप्रभावी होगा जब तक आईएसआई “अच्छे” और “बुरे” आतंकवादी समूहों के बीच भेदभाव जारी रखेगी।
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