विपक्ष के निशाने पर आई एंटीगुआ की सरकार
मेहुल चोकसी पर एंटीगुआ सरकार को विपक्ष की काफी नाराजगी सहन करनी पड़ रही है। यूनाइटेड प्रोग्रेसिव पार्टी के नेता हेराल्ड लवेल के अनुसार एंटीगुआ के कानून में उसके नागरिक को किसी दूसरे देश के हाथों में नहीं सौंपा जा सकता है। उन्होंने कहा कि मेहुल चोकसी को एंटीगुआ और बारबूडा लौटना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि वो मेहुल चोकसी के पक्ष में नहीं है, लेकिन एंटीगुआ का नागरिक होने के नाते उसके कुछ अधिकार हैं। उसके खिलाफ कई केस दर्ज हें। उस पर मुकदमें होने चाहिए। जिसके बाद प्रत्यर्पण पर फैसला होना चाहिए। उन्होंने प्रधानमंत्री गेस्टन ब्राउन पर आरोप लगाया कि भारत की तरफ से रिक्वेस्ट पेंडिंग होने के बावजूद उन्होंने मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण को लेकर सही प्रक्रिया नहीं अपनाई।
अपहरण की आशंका
विपक्षी नेता कहा कि हो सकता है कि चोकसी का अपहरण किया गया, जिसमें सरकार की भी मिलीभगत हो सकती है। उन्होंने आशंका जताते हुए कि वो बोट से नहीं जा सकता है अगर गया भी तो अकेला नहीं होगा। ऐसे में बाकी लोगों को गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया। बोट के कैप्टन और बाकी लोगों पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई। वैसे इस बारे में जांच चल रही है कि चोकसी डोमिनिका तक कैसे पहुंचा? लेकिन विपक्षी नेता ने सरकार की मिलीभगत होने का आरोप लगाया है। वैसे विपक्ष ने नेता ने मिलीभगत में शामिल होने वाले लोगों के नाम नहीं लिए हैं।
बाकी लोगों में असुरक्षा की भावना
एंटीगुआ के पीएम के अनुसार अगर चोकसी को यहां पर वापस लाया जाता है उसे कानून की मदद मिलेगी। जिसपर विपक्ष ने एतराज जताया। उन्होंने कहा कि चोकसी नागरिक होने के कारण उन्हें कानून का सामना करना पड़ेगा। अगर चोकसी को भारत के सौंप दिया जाता है तो उन लोगों में असुरक्षित की भावना आ जाएगी जिन लोगों ने इन्वेस्टमेंट प्रोग्राम के जरिए एंटीगुआ की नागरिकता हासिल की है।