ये तीन वैज्ञानिक हैं- रोजर पेनरोसे ( Roger Penrose ), रीनहार्ड गेंजेल ( Reinhard Genzel ) और एंड्रिया घेज ( Andrea Ghez ) हैं। रॉजर पेनरोज ब्रिटेन के रहने वाले हैं, जबकि रीनहार्ड गेंजेल जर्मनी और आंद्रिया घेज अमरीका के निवासी हैं। इन तीनों ने पूरी दुनिया को बताया कि ब्लैक होल्स क्या है, और इसे समझने की दिशा में काम करने के लिए ही इन्हें 2020 के लिए भौतिकी का नोबेल पुरस्कार दिया गया है।
‘हेपेटाइटिस-सी’ वायरस को खोजने वाले वैज्ञानिकों को मिला नोबेल पुरस्कार
खगोल विज्ञान में रोजर पेनरोसे को ब्लैकहोल की खोज के लिए, जबकि रीनहार्ड गेंजेल और एंड्रिया घेज को हमारी आकाशगंगा के केंद्र में ‘सुपरमैसिव कॉम्पैक्ट ऑबजेक्ट’ की खोज के लिए यह सम्मान दिया गया है। बता दें कि तारकीय अवशेषों, श्वेत वामन तारों, न्यूट्रॉन तारों और ब्लैकहोल्स जैसी चीजों को ‘कॉम्पैक्ट ऑबजेक्ट’ कहा जाता है।
स्वर्ण पदक के साथ इतनी होगी पुरस्कार राशि
आपको बता दें कि स्टॉकहोम के कारोलिंस्का संस्थान ( Karolinska Institute ) में निर्णायक मंडल ने भौतिकी के लिए इन तीनों वैज्ञनिकों के नामों की घोषणा की। इन तीनों को पुरस्कार स्वरूप स्वर्ण पदक, एक करोड़ स्वीडिश क्रोना (11 लाख डॉलर से अधिक) की राशि दी जाएगी।
मालूम हो कि यह पुरस्कार स्वीडन के महान वैज्ञानिक अल्फ्रेड नोबेल के नाम पर दिया जाता है। नोबेल पुरस्कार विजेताओं को 8,23,71,000 रुपये पुरस्कार राशि के तौर पर मिलेगी। इस राशि को तीनों वैज्ञानिक आपस में साझा करेंगे। यानी कि एक वैज्ञानिक को करीब 2,74,57,000 रुपये पुरस्कार राशि मिलेगी।