वह 1970 में सोशल डेमोक्रेटिक एंड लेबर पार्टी (SDLP) के संस्थापक सदस्यों में से एक थे और 1979 से 2001 तक पार्टी का नेतृत्व करते रहे। उन्होंने शांति वार्ता में एक प्रमुख भूमिका निभाई, जिसके कारण 1998 में गुड फ्राइडे समझौता हुआ। ह्यमू को उत्तरी आयरलैंड में तीन दशकों की हिंसा के दौरान शांतिपूर्ण, लोकतांत्रिक राजनीति के प्रति उनकी दृढ़ प्रतिबद्धता के लिए व्यापक रूप से सराहा गया था।
पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर ( British Prime Minister Tony Blair ) सहित पूर्व और वर्तमान में राजनीति के दिग्गजों द्वारा दुनिया भर में श्रद्धांजलि अर्पित की गई है। ब्लेयर ने कहा, “जॉन ह्यूम एक राजनीतिक दिग्गज थे। वह एक दूरदर्शी थेे जिन्होंने इस बात पर विश्वास करने से इनकार कर दिया था कि भविष्य भी अतीत के समान ही होगा।”
उन्होंने आगे कहा, “उत्तरी आयरलैंड में शांति के लिए उनका योगदान ऐतिहासिक था और वह इसके लिए सही रूप से याद किए जाएंगे। वह इस बात पर आश्वस्त थे कि यह संभव है, इसकी खोज में अथक काम किया और इसे बनाने के तरीकों की तलाश में अंतहीन रचनात्मकता दिखाते हुए इसे पूरा किया।”
1980 के दशक के अंत तक ह्यूम ने सिन फेन, गेरी एडम्स जैसे तत्कालीन नेता के साथ बातचीत करके शांति के लिए काफी जोखिम उठाए। उस समय यह वार्ता काफी विवादास्पद थी क्योंकि आइरिश रिपब्लिकन आर्मी (IRA) तब भी भी हिंसा में सक्रिय रूप से भागीदारी कर रही थी, लेकिन ह्यूम का उद्देश्य रिपलब्लिकंस को विशेष रूप से लोकतांत्रिक साधनों के लिए राजी करना था।
ह्यूम-एडम्स वार्ता ने 1994 IRA संघर्ष विराम के लिए नींव रखने में मदद की और बाद में हुई वार्ता के परिणामस्वरूप गुड फ्राइडे एग्रीमेंट हुआ। सोमवार को ह्यूम को मौजूदा आयरिश प्रधानमंत्री मिशेल मार्टिन द्वारा “महान नायक और एक सच्चे शांतिदूत” के रूप में याद किया गया।
मार्टिन ने कहा, “अर्धसैनिक आतंकवाद और सांप्रदायिक संघर्ष के सबसे काले दिनों के दौरान उन्होंने उम्मीद को जिंदा रखा। और धैर्य, लचीलेपन और अडिग प्रतिबद्धता के साथ उन्होंने विजय हासिल की और शांति की जीत दिलवाई।”
उत्तरी आयरलैंड के पहले मंत्री अर्लीन फोस्टर ने ह्यूम के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की और उनको “आयरिश राष्ट्रवाद का बहुत विशाल” नाम बताया। डेमोक्रेटिक यूनियनिस्ट पार्टी (डीयूपी) के नेता ने कहा, “हमारे काले दिनों में उन्होंने माना कि हिंसा गलत रास्ता है और लोकतांत्रिक राजनीति को बढ़ावा देने के लिए लगातार काम किया।”
1998 के शांति समझौते के बाद ह्यूम को तत्कालीन अल्स्टर यूनियनिस्ट पार्टी के नेता डेविड ट्रिमबल के साथ नोबेल शांति पुरस्कार ( Nobel Peace Prize ) से सम्मानित किया गया। लॉर्ड ट्रिमबल ने उत्तरी आयरलैंड में शांति प्रयासों के लिए ह्यूम की प्रतिबद्धता को भी स्वीकार किया।
उन्होंने कहा था, “मुसीबतों की शुरुआत से ही जॉन ह्यूम लोगों से अपने उद्देश्य से शांति से चिपके रहने का आग्रह कर रहे थे और लगातार उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण थे जिन्हें शांति के महत्व का एहसास नहीं था। उत्तरी आयरलैंड की राजनीति में उनका प्रमुख योगदान था, विशेष रूप से उस प्रक्रिया ने हमें एक समझौता दिया कि जिसके जरिये हम अभी भी काम कर रहे हैं। यह बेहद महत्वपूर्ण है। आने वाले वर्षों के लिए उस योगदान के लिए उन्हें याद किया जाएगा।”
पूर्व SDLP नेता ने अपने लंबे करियर के दौरान स्टॉर्मॉन्ट, वेस्टमिंस्टर और ब्रुसेल्स में विभिन्न संसदों के लिए चुनाव लड़ने और जीतने में दशकों का समय बिताया। उन्होंने 25 वर्षों से अधिक समय तक यूरोपीय संसद (एमईपी) के सदस्य के रूप में कार्य किया और लगभग 22 वर्षों तक फॉयल निर्वाचन क्षेत्र के लिए वेस्टमिंस्टर में सांसद के रूप में सेवाएं दीं।
टोनी ब्लेयर के साथ 1998 के शांति समझौते पर सह-हस्ताक्षर करने वाले पूर्व आयरिश प्रधानमंत्री बर्टी अहर्न ने कहा कि ह्यूम को शांति प्रक्रिया के शुरुआती दिनों में IRA से बात करने के लिए व्यापक आलोचना का सामना करना पड़ा था। लेकिन उन्होंने कहा कि पूर्व एसडीएलपी नेता ने शांति के लिए जोखिम उठाया और आयरिश राजनीति में हमेशा “बड़ी तस्वीर देखी।” उन्होंने आइरिश सीमा के दोनों ओर अलग-अलग जनमत संग्रह के साथ समझौते को प्रमाणित करने के विचार का श्रेय ह्यूम को दिया।
उन्होंने कहा, “जब गुड फ्राइडे समझौते पर टोनी और मैंने हस्ताक्षर किए, तो उन्होंने (ह्यूम) कहा था: ‘आप इसे उत्तर और दक्षिण के लोगों के लिए रखेंगे और इसे लोगों की वैधता मिलेगी।’ यह केवल उनका ही विचार था और यह वास्तव में शानदार था।”
वहीं, आयरिश राष्ट्रपति माइकल डी हिगिंस ने कहा कि मिस्टर ह्यूम ने “आयरलैंड में राजनीति को बदल दिया और फिर से तैयार किया” और अपनी “व्यक्तिगत बहादुरी और नेतृत्व” का सम्मान किया। उत्तरी आयरलैंड के सचिव ब्रैंडन लुईस ने कहा कि उत्तरी आयरलैंड “उनके नेतृत्व और साहस के बिना” आज जैसा है वैसा कभी नहीं हो पाता। उन्होंने कहा, “कुछ लोग ही नोबेल शांति पुरस्कार के लिए जॉन से अधिक हकदार थे- उन्होंने अपना जीवन शांति के लिए समर्पित कर दिया और इसके लिए उत्तरी आयरलैंड के लोग उन्हें कभी नहीं भूलेंगे।”
पिछले काफी वर्षों से ह्यूम डिमेंशिया की बीमारी से पीड़ित थे। सोमवार सुबह डेरी के ओवेन मोर नर्सिंग होम में उनका निधन हो गया। एक बयान में उनके परिवार ने कहा, “जॉन एक पति, एक पिता, एक दादा, एक परदादा और एक भाई थे। सभी उन्हें बहुत प्यार करते थे और उनके जाने का दर्द पूरे परिवार द्वारा गहराई से महसूस किया जाएगा।”