इन सबके बीच जो चीज सबसे अधिक जरूरी नजर आती है, वो है कोरोना वैक्सीन। दुनियाभर में अलग-अलग कोरोना वैक्सीन तैयार हो चुकी हैं। कई आना बाकी हैं। विभिन्न देशों में कोरोना वैक्सीन का टीकाकरण जारी है। भारत में भी कोरोना वैक्सीनेशन शुरू हो चुका है। भारत में एक मई से 18 से अधिक उम्र वाले लोग वैक्सीन देने की शुरूआत हो चुकी है। मगर विदेश जाने और आने वाले लोगों के लिए वैक्सीनेशन को लेकर समस्याएं बनी हुई हैं।
सिनोवाक टीकों को मंजूरी दरअसल कुछ देश अपने यहां चुननदीदा वैक्सीनेशन को ही प्राथमिकता दे रहे हैं। इस कारण एम्बेसी और विदेशी कामगारों को आने-जाने में समस्या उठानी पड़ रही है। चीन ने अपने यहां पर सिनेसिनोफार्मा और सिनोवाक टीकों को मंजूरी दे रखी है। यहां पर आने वाले विदेशी कामगारों को इस वैक्सीन की डोज लेनी अनिवार्य है। वहीं अन्य यूरोपीय देशों में फाइजर और एक्सटैजिका जैसी वैक्सीन को वैधता दे रखी है।
आना-जाना सुलभ हो सकेगा चीन से यूरोप तक की सरकारें वैक्सीन पासपोर्ट पर चर्चा कर रही हैं। इसके जरिए कही भी आना-जाना सुलभ हो सकेगा। इसमें किसी को हुए टीकाकरण का सत्यापन करना आसान होगा। इसके लिए प्रमाणपत्र जारी किए जाएगा जो पूरी दुनिया में लोगों के लिए आनेजाने को लेकर वैध होंगे। मगर अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि देश टीकाकरण को कब मान्यता देंगे या ये चयनात्मक बना रहेगा।
किस देश में कौन सी वैक्सीन का इस्तेमाल इजरायल- इजरायल ने फाइजर-बायोएनटेक से करार किया था। टीकाकरण में 16 से अधिक उम्र के सभी लोगों को कोरोना वैक्सीन दी गई। रूस-रूस ने स्पूतनिक V कोरोना वैक्सीन को सभी मंजूरियां मिलने के बाद 18 साल से ऊपर के सभी लोगों के लिए टीकाकरण जारी किया।
सऊदी अरब-सऊदी अरब फाइजर की वैक्सीन का उपयोग कर रहा है। सऊदी अरब में 16 से ज्यादा उम्र के सभी लोगों कोरोना की वैक्सीन दी जा रही है। अमरीका- अमरीका में कोरोना टीकाकरण के लिए फाइजर-बायोएनटेक, मॉडर्ना, नोवावैक्स और जॉनसन एंड जॉनसन की वैक्सीन का उपयोग हो रहा है।
ब्राजील- ब्राजील में फाइजर, कोरोनावैक (चीनी वैक्सीन), ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका और जॉनसन एंड जॉनसन की वैक्सीन को वैधता दी गई है। चीन- चीन टीकाकरण में अपने देश में बनी हुई वैक्सीन कोरोनावैक ही इस्तेमाल कर रहा है।
फ्रांस- यहां पर वैक्सीनेशन के लिए फाइजर, मॉडर्ना, ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका और जॉनसन एंड जॉनसन की वैक्सीन का उपयोग हो रहा है।