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India-China Face Off: भारत-चीन टकराव से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हलचल, विदेशी मीडिया पर ये रही प्रतिक्रियाएं

HIGHLIGHTS

लद्दाख सीमा ( Ladakh Border ) के पास गलवान घाटी ( Galwan Vally ) में भारत-चीन की सेनाओं ( India China Army ) के बीच हुए हिंसक झड़प में भारत के 20 सैनिक शहीद हुए हैं, वहीं चीन की ओर से 43 सैनिकों के हताहत होने की बात कही गई है।
भारत-चीन के बीच करीब 45 साल बाद इस तरह के हिंसक संघर्ष ( violent clashes ) देखने को मिला है, जिसको लेकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हलचल तेज हो गई है।

Jun 17, 2020 / 08:54 pm

Anil Kumar

India-China border dispute

India-China Face Off: international stir on Indo-China conflict

नई दिल्ली। भारत-चीन के बीच लगातार तनाव ( India China Tension ) गहराता जा रहा है। सोमवार की रात लद्दाख सीमा के पास गलवान घाटी में दोनों देशों की सेनाओं के बीच हुए हिंसक झड़प ( violent clashes ) में काफी नुकसान हुआ है।

भारतीय सेना ( Indian Army ) की ओर से बयान में बताया गया कि भारत के 20 सैनिक शहीद हुए हैं, वहीं, चीन की ओर से 43 सैनिकों के हताहत होने की बात कही गई, लेकिन चीन ने इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। हालांकि अमरीकी खुफिया एंजेसियों ने माना है कि चीन के 35 जवान मारे गए हैं।

India-China Standoff: चीन ने कहा- गलवान घाटी हमारा हिस्सा, हिंसक झड़प के लिए हम जिम्मेदार नहीं

इधर भारत और चीन के बीच सीमा ( India China Border ) पर बढ़ते तनाव को लेकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हलचल देखने को मिल रहा है। अमरीका, ब्रिटेन से लेकर संयुक्त राष्ट्र ने दोनों देशों को संयम बरतने को कहा है, वहीं अंतर्राष्ट्रीय मीडिया पर भी अलग-अलग तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही है।

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भारत-चीन सीमा पर अधिक संयम बरते: UN

भारत-चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा ( LAC ) पर सोमवार की रात हिंसक घटना में सैनिकों की मौत पर संयु्क्त राष्ट्र ( United Nation ) ने चिंता जाहिर की है और दोनों पक्षों से अधिक संयम बरतने का आग्रह किया है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव के प्रवक्ता एरी कनेको जानकारी देते हुए कहा कि LAC पर भारत-चीन के बीच हिंसा और मौत की खबरों पर हम चिंता प्रकट करते हैं। साथ ही दोनों पक्षों से अधिक संयम बरतने का आग्रह करते हैं।

भारत-चीन के बीच LAC पर हो रहे हर गतिविधि पर हमारी नजर: अमरीका

लद्दाख के गलवान घाटी ( Galwan Vally ) में भारत-चीन के बीच हिंसक झड़प पर पूरी दुनिया की नजरें टिक गई हैं। अमरीका ( America ) ने कहा है कि LAC पर भारत-चीन के बीच चल रहे संघर्ष पह हमारी पैनी नजर है। अमरीकी विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि भारत-चीन के बीच LAC पर जो भी कुछ हो रहा है उसपर अमरीका की पूरी नजर है।

India-China Tension: पीएम मोदी का जवाब, हमारे जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा

इससे पहले 2 जून को पीएम नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi ) और अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ( American President Donald Trump ) के बीच फोन पर बातचीत हुई थी। इस दौरान दोनों ने भारत-चीन सीमा पर तनाव ( India China Border Dispute ) को लेकर चर्चा की थी। अधिकारी ने कहा कि हम चाहते हैं कि दोनों देश मिलकर शांति से इस विवाद को खत्म करे।

किसी भी मामले का समाधान हिंसा नहीं हो सकता: ब्रिटेन

ब्रिटेन ने भी भारत-चीन तनाव को लेकर बयान दिया है। ब्रिटिश उच्चायोग ( British High Commission ) के एक प्रवक्ता ने कहा कि किसी भी समस्या का समाधान हिंसा नहीं हो सकता है। चीनी सैनिकों की ओर से भारतीय सैनिकों पर किए गए हमले को लेकर उन्होंने सवाल खड़े किए और कहा कि हिंसा किसी भी मसले का हल कभी नहीं हो सकता। उन्होंने आगे कहा कि LAC पर भारत-चीन के बीच स्थिति गंभीर है, लेकिन दोनों देशों को मिलकर इसका समाधान निकालना चाहिए।

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23 जून को भारत-रूस-चीन के बीच बैठक

बता दें कि भारत-रूस-चीन के विदेश मंत्रियों के बीच 23 जून को वर्चुअल बैठक होने वाली है। इस बैठक से पहले भारत-चीन के बीच हिंसक झड़प की घटना अब काफी अहम हो गया है। भारत इस मसले को बैठक में उठा सकता है। सूत्रों की मानें तो इस वर्चुअल बैठक में भारत के विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर अपने चीनी समकक्ष वांग यी से पूर्वी लद्दाख में हुई हिंसक झड़प पर चर्चा कर सकते हैं।

दोनों देशों में बढ़ सकता है तनाव: द गार्डियन

ब्रिटिश अखबार द गार्डियन मे अपनी रिपोर्ट में बताया है कि हिमालय क्षेत्र में 1975 के बाद यानी करीब 45 साल बाद दोनों देशों में टकराव हुआ है। 1975 में छोटी सी झड़प हुई थी औ गोली भी चली थी, लेकिन उससे पहले 1967 में काफी हिंसक घटना हुई थी। अब ताजा हालात के बाद आशंका है कि दोनों देशों में संंकट गहरा सकता है। दोनों देश अपनी-अपनी तरह से लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल ( LAC ) तय करना चाहेंगे। फिलहाल इस घटना को लेकर भारत के लोगों में काफी गुस्सा है और चीन को इसका नुकसान हो सकता है।

सर्वाधिक जनसंक्या वाले दो देशों में बढ़ा तनाव: न्यूयॉर्क टाइम्स

अमरीका के सबसे बड़े अखबरा न्यूयार्क टाइम्स ने अपने वेबसाइट में भारत-चीन के बीच हिंसक घटना को दो सबसे बड़े आबादी वाले देशों के बीच गहरा संकट बताया है। रिपोर्ट में बताया है कि हिमालय क्षेत्र में विवादित सीमा पर हुई इस झड़प से दोनों देशों में तनाव बढ़ गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि भारतीय सेना ने दो बार चीनी सैनिकों पर हमला किया। वहीं भारत ने कहा है कि चीनी सैनिकों ने ऊंचाई से हमारे जवानों पर चट्टानें गिराई। विदेश नीति के कुछ विश्लेषकों का मानना है कि चीन अपनी ताकत के बल पर अपने क्षेत्र का विस्तान करने में लगा हुआ है। हाल के दिनों में दक्षिण चीन सागर हो या हिमालय क्षेत्र, या फिर वियतनाम, ताइवान, हांगकांग और मलेशिया तेल रिंग मामला, इन सभी जगहों पर चीन के तानाशाही का उदाहरण है।

तीसरे विश्व युद्ध की शुरुआत: एक्सप्रेस डॉट यूके

ब्रिटिश अखबार एक्सप्रेस डॉट यूके ने अपनी वेबसाइट की एक रिपोर्ट में भारत-चीन के बीच हुए हिंसक घटना को तीसरे विश्वयुद्ध की शुरूआत के तौर पर बताया है। एक्सप्रेस डॉट यूके ने बताया है कि दोनों पक्षों से कई सैनिक शहीद हुए हैं और परमाणु शक्ति संपन्न पड़ोसियों के बीच टकराव के परिणामस्वरूप दशकों में यह पहली बार दुर्घटना की ऐसी सूचना है। सेवानिवृत्त अमरीकी सेना के कर्नल लॉरेंस सेलिन के ट्वीट के हवाले से रिपोर्ट में बताया गया है कि चीन भारत के साथ खिलवाड़ न करे। भारत ने दुखद नुकसान के बाद ही चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के हमलावरों को सजा दी है।

चीन ने भारत को उकसाया: वॉशिंगटन एग्जामिनर

वॉशिंगटन एग्जामिनर के पत्रकार टॉम रोगन ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि चीन ने भारतीय सेना को उकसाया है। चीन लद्दाख की पुरानी स्थिति को बदलने की कोशिश में लगा है। हालांकि अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर काफी दबाव बढ़ गया है। भारत के 20 जवान शहीद होने के बाद मोदी पर दबाव है कि जिस तरह से फरवरी 2019 में पाकिस्तान को सबक सिखाया था उसी तरह से चीन को भी जवाब दिया जाए।

दो परमाणु संपन्न देशों में टकराव: BBC

बीबीसी ने बताया है कि भारत-चीन सीमा पर विवादित क्षेत्र में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प में कई जवान हताहत हुए हैं। चीन ने भारत पर सीमा पार करने का आरोप लगाया है। रिपोर्ट में यह कहा गया है कि दो परमाणु संपन्न देशों के बीच हफ्तों से सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच यह संघर्ष की घटना सामने आई है। हालांकि दोनों पक्षों की ओर से गोली नहीं चली है। रिपोर्ट में बताया गया है कि इस संघर्ष के कारण भारत-चीन विरोधी भावनाएं अब खुलकर सामने आएंगी।

India China Violent Clash: बात करने गए भारतीय जवानों को चीनी सैनिकों ने दिया धोखा, जानें कैसे शुरू हुई झड़प

दशकों बाद भारत-चीन में संघर्ष: इजरायल टाइम्स

इजरायल के प्रमुख समाचार पत्र ने अपनी वेबसाइट पर एक रिपोर्ट में बताया है कि यह दशकों बाद ऐसा मौका है जब भारत-चीन की सेना के बीच हिंसक झड़प हुई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि तीन हफ्ते तक तनाव चलने के बाद लद्दाख सीमा के गलवान घाटी में दोनों देशों की सेना आपस में भीड़ गई और कई सैनिकों की मौत हो गई। रिपोर्ट के मुताबिक, परमाणु-सशस्त्र देशों के बीच 3,500 किलोमीटर के सीमांत पर कुछ विवाद रहे हैं, जिनका समाधान कभी भी ठीक से नहीं हुआ है, हालांकि इसके बावजूद दशकों तक यहां कोई भी नहीं मारा गया था।

सीमा पर हथियारों के साथ सेना तैनात: अलजजीरा

अलजजीरा ने अपनी वेबसाइट पर एक रिपोर्ट में बताया है कि भारत-चीन के बीच लद्दाख के हिमालयी क्षेत्र में टकराव हुआ है। इस हिंसक घटना में दोनों देशों की ओर से सेनाएं हताहत हुए हैं। भारतीय सेना ने बयान जारी कर बताया है कि 20 सैनिक शहीद हुए हैं, जबकि चीन की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। हालांकि चीन के ग्लोबल टाइम्स अखबार के प्रधान संपादक ने बताया है कि इस झड़प में चीनी सैनिक भी मारे गए हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि दो परमाणु संपन्न देश ने सीमा पर बख्तरबंद टैंक और तोपों सहित हजारों सैनिकों, लद्दाख क्षेत्र में मई से तैनात कर रखे हैं।

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