इस बीचहाफिज की गिरफ्तारी को लेकर एक बेहद सटीक खुलासा हुआ है।यूनाइटेड किंगडम में पूर्व पाकिस्तान दूत ( Former Pak Envoy ) वाजिद शमसूल हसन ने पाकिस्तान की कार्रवाई को आंख में धूल झोंकने जैसा बताया है।
प्रधानमंत्री इमरान खान की वाशिंगटन यात्रा से जुड़ी है गिरफ्तारी
हसन ने एक न्यूज पोर्टल के लिए कॉलम में लिखा कि मुंबई में 26/11 के हमलों का मास्टरमाइंड हाफिज सईद की गिरफ्तारी के आंखों में धूल झोंकने की तरह है और यह सब केवल अमरीका को खुश करने के लिए किया जा रहा है।
अपने लेख में हसन ने दावा किया कि, ‘जमात-उद-दावा के चीफ की नवीं बार हुई गिरफ्तारी सीधे-सीधे पाक प्रधानमंत्री इमरान खान की वाशिंगटन यात्रा से जुड़ी है।’ लेख में हसन ने ट्रंप के उस ट्वीट का भी जिक्र किया, जो उन्होंने हाफिज की गिरफ्तारी के तुरंत बाद किया था। बता दें कि ट्रंप ने ट्वीट में इस गिरफ्तारी को अपने लगातार प्रयासों और दबावों का परिणाम बताया था।
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गिरफ्तारी के बाद बेहद खुश हुए थे ट्रंप
पूर्व राजदूत ने लेख में कहा, ‘हाफिज की गिरफ्तारी की खबर सुनते ही अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इतने उत्साहित हुए कि उन्होंने तुरंत टिप्पणी कर दी। ट्रंप ने गिरफ्तारी को अपने प्रयासों की सफलता बताया। हालांकि, यह भी मानने वाली बात है कि हाफिज सईद का मामला अमरीका के लिए बहुत महत्व रखता है। इसके साथ ही पाकिस्तान के लिए भी यह महत्वपूर्ण है, क्योंकि वह अमरीका की नजर में प्रॉक्सी वॉर का सबसे बड़ा नेतृत्वकर्ता है।’
कार्रवाई ट्रंप के आंसू पोंछने के लिए काफी
इमरान खान की हाल ही में हुई यात्रा का जिक्र करते हुए हसन ने साफ लिखा कि तीन दिवसीय दौरे से ठीक पहले की हाफिज की गिरफ्तारी मौके का फायदा उठाने वाली बात है। उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री इमरान खान की अमरीका यात्रा से ठीक पहले की शाम को हाफिज सईद गिरफ्तार हुआ। इसे सही समय पर लिया सही फैसला कहा जा सकता है। यह कार्रवाई ट्रंप के आंसू पोंछने के लिए काफी है, क्योंकि प्रतिबंधित आतंकी संगठन जमात-उद-दावा के चीफ हाफिज सईद UN और अमरीका की ओर से वैश्विक आतंकी घोषित करार है।’
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हाफिज को पहले ही पता था होनेवाली है गिरफ्तारीहसन ने लेख में पाक सेना और प्रधानमंत्री कार्यालय के कुछ अधिकारियों से जुड़े सूत्रों के हवाले से यहा लेख पेश किया है। उन्होंने कहा कि गिरफ्तारी से पहले ही हाफिज सईद ने ऐलान किया था कि इमरान खान की यात्रा से पहले वह गिरफ्तार होने वाला है।
हालांकि, पाकिस्तान की ओर से दावा किया जा रहा था कि गिरफ्तारी के बाद सरकार भारत और अन्य देशों से बातचीत और समझौते के लिए अपनी छवि सुधारना चाह रही है। पाक सरकार अतिवादी ताकतों पर सख्ती दिखाकर अपने मोलभाव की शक्तियां बढ़ाना चाह रही है। हालांकि, पूर्व राजनयिक ने इन दावों को पूरी तरह से खारिज किया।
ब्रिटेन में पाक राजदूत शम्सुल हसन का दावा काफी विश्वसनीय है। आपको बता दें कि हसन की धाक पाक प्रशासन में काफी पुरानी है। वह लम्बे समय से पाकिस्तानी सेना, आईएसआई और प्रधानमंत्री कार्यालय के ऊँचे स्तर के अधिकारियों के सम्पर्क में रहे हैं। उन्होंने अपना लेख इन्हीं स्रोतों से प्राप्त सूचनाओं के आधार पर लिखा है। इस लेख की विश्वसनीयता इसलिए भी जाहिर होती है कि क्योंकि हसन ने इस पूरे मामले की तफ्शीश के लिए खुद पाक स्थित UK दूतावास में रहकर स्थिति की निगरानी की है।