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जयशंकर तीन दिवसीय दौरे पर यहां पहुंचे हैं। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव के साथ बातचीत की और दोनों मित्र राष्ट्रों के बीच अंतरिक्ष, परमाणु, उर्जा और रक्षा सहयोग के क्षेत्र में प्रगति की समीक्षा की।
रिश्तों को लेकर चिंता बढ़ी
उन्होंने कहा कि बीते 40 वर्षों से चीन के साथ रिश्ते में स्थिरता रही है। दोनों के बीच तनाव तो जरूर रहा मगर आमतौर पर संबंध बेहतर हैं। बीते एक वर्ष से सीमा विवाद के कारण दोनों के रिश्तों को लेकर चिंता बढ़ी है। चीन ने अपनी तरफ से सीमा को लेकर समझौतों का सम्मान नहीं किया है। इससे दोनों के बीच भरोसा कम हो गया है।
लगातार दबाव बनाने का प्रयास
बीते साल मई में पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच हुए खूनी संघर्ष के बाद से दो देशों के बीच गतिरोध बढ़ा है। भारत मुख्य रूप से चीन पर हॉट स्प्रिंग्स,गोगरा और देपसांग में सैनिकों को हटाने के लिए लगातार दबाव बनाने का प्रयास कर रहा है।
परमाणु हथियारों की होड़ को किया खारिज
दोनों देशों के बीच परमाणु हथियारों की होड़ की संभावना के एक सवाल को जयशंकर ने सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि चीन के परमाणु कार्यक्रम का विकास भारत की तुलना में कहीं अधिक गतिशील है। विदेश मंत्री के इस बयान को इसलिए अहम माना जा रहा है क्योंकि रूस-चीन आर्थिक और वैचारिक स्तर पर काफी करीबी बताए जाते हैं।
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द्विपक्षीय संबंधों बातचीत करेंगे
विदेश मंत्री अब जॉर्जिया की दो दिवसीय यात्रा पर जाएंगे और इस दौरान वे अपने समकक्ष के साथ द्विपक्षीय संबंधों बातचीत करेंगे। विदेश मंत्रालय की ओर से जारी किए गए एक बयान में कहा गया कि किसी भारतीय विदेश मंत्री की स्वतंत्र जॉर्जिया की यह पहली यात्रा होगी।