ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने संकेत दिए कि वह अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ हुए व्यापक समझौते को प्राथमिकता देंगे न कि 2015 के समझौते को। अमरीकी हमले में ईरान के शीर्ष कमांडर कासिम सुलेमानी के मारे से जाने और कुछ दिनों बाद तेहरान की यह स्वीकारोक्ति कि उसने यूक्रेन के विमान को मार गिराया था।
इसके तत्काल बाद पश्चिमी देशों और ईरान के मध्य चल रहे तनाव के बीच तथाकथित विवाद व्यवस्था प्रक्रिया की शुरुआत हुई है। यह प्रक्रिया दो देशों के बीच चल रहे विवाद का समाधान करने से जुड़ी हुई है। तीनों यूरोपीय देशों के विदेश मंत्रियों ने कहा कि ईरान अपनी प्रतिबद्धताओं से बीते वर्ष मई के बाद से लगातार पीछे हट रहा है।
एक राजनयिक सूत्र ने वियना में बताया कि इस प्रक्रिया की पहली बैठक महीने के अंत में ऑस्ट्रिया में हो सकती है जिसमें यूरोपीय देश, ईरान और समझौते में शामिल अन्य पक्ष, चीन और रूस हिस्सा ले सकते हैं। ट्रंप के समझौते से अलग होने के बाद ईरान ने यूरेनियम संवर्द्धन के लिए संवेदनशील गतिविधियां तेज कर दीं, जिनका इस्तेमाल परमाणु हथियार बनाने में हो सकता है।