गौरतलब है कि नागोरनो-करबाख क्षेत्र के लिए दोनों देशों में बीते कई दिनों से जंग छिड़ी हुई थी। हालांकी आर्मीनिया और अजरबैजान के बीच दशकों पुराना संघर्ष है। दोनों देशों के बीच 29 सितंबर को एक बार फिर से जंग छिड़ गई थी।
डोनाल्ड ट्रंप: कई लोगों के जीवन का बचाव हुआ डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट कर आर्मीनिया के पीएम निकोल पाशिन्यान और अजरबैजान के राष्ट्रपति इलहाम अलीयेव को बधाई दी। उन्होंने कहा कि दोनों सीजफायर के पालन के लिए मान गए हैं जो आधी रात से प्रभाव में आ गया है। इससे कई लोगों के जीवन का बचाव हुआ है। ट्रंप ने कहा मुझे मेरी टीम माइक पॉम्पियो, स्टीव बेगन और नेशनल सिक्यॉरिटी काउंसिल पर इस डील के लिए गर्व है।’
मध्यस्थता के कई प्रयास हुए इससे पहले नागोरनो-करबाख की सेना ने अजरबैजान की सेना पर शनिवार शाम आम नागरिको पर गोलीबारी करने का आरोप लगाया था। आजरबैजान के रक्षा मंत्रालय ने पलटवार करते हुए आरोप लगाया था कि आर्मीनियाई सेना ने आजरबैजान के टेरटर,अगदम और अघजाबेदी क्षेत्रों में गोलाबारी की है। दोनों देशों के बीच मध्यस्थता के लिए रूस और अमरीका ने कई प्रयास किए थे।
पॉम्पियो ने युद्धविराम की वकालत की थी गौरतलब है कि नागोर्नो-काराबाख क्षेत्र को लेकर अजरबैजान और आर्मीनिया के बीच कई दिनों से युद्ध चल रहा था। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस इलाके पर अजरबैजान का कब्जा माना जा रहा है। मगर यहां बड़ी संख्या में आर्मीनियाई मूल के लोग रहते हैं। बीते सप्ताह अमरीकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के साथ युद्धविराम के लिए बात की थी।
इससे पहले रूस ने दो बार मध्यस्थता की कोशिश की थी पर बात नहीं बन सकी। शनिवार तक दोनों देशों के बीच जंग में मरने वालों आर्मीनियाई लोगों की संख्या 36 से बढ़कर 963 हो गई। जबकि अजरबैजान की तरफ से 65 आम नागरिकों की मौत हो गई। हालांकि इसकी पुष्टि अजरबैजान की सेना ने नहीं की है।