अगस्त में रजिस्टर हुई थी Sputnik V
रूस ने इस साल अगस्त में कोरोना वायरस की अपनी पहली वैक्सीन Sputnik V को रजिस्टर कराया था। हालांकि रजिस्टर होते ही यह वैक्सीन सवालों के घेरे में आ गई थी। पश्चिमी देशों ने आरोप लगाया था कि रूस सिर्फ वैक्सीन की दौड़ में आगे निकलने के लिए जल्दबाजी कर रहा है क्योंकि तीसरे फेज का ट्रायल हुए बिना ही उसने वैक्सीन को रजिस्टर करा दिया था। पश्चिमी देशों के आरोप पर रूस ने कहा था कि उसने अपनी पुरानी तकनीक का इस्तेमाल कर वैक्सीन बनाई है इसलिए यह सब इतनी जल्दी हो गया है।
दुनिया के कई देश वैक्सीन की रेस में
कोरोना की वैक्सीन की रेस में दुनिया के कई देश लगे हुए हैं, जिनमें चीन, अमरीका, रूस के अलावा भारत और इस्राइल भी शामिल हैं। भारत स्वदेशी टीके के अलावा कई अन्य देशों के साथ मिलकर वैक्सीन पर काम कर रहा है। हालांकि, अभी तक कोई भी वैक्सीन ट्रायल के बाद पास नहीं हुई है। उम्मीद जताई जा रही है कि कोरोना की वैक्सीन 2021 तक लोगों तक पहुंच पाएंगी। वहीं तमाम अनुमानों के इतर कई देश की सरकारें जल्द से जल्द टीके को आम लोगों के लिए जारी करना चाहती हैं।